17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान में भारी बारिश, चंबल खतरे के निशान से ऊपर, कोटा से धौलपुर तक अलर्ट जारी

Weather Update : मध्यप्रदेश और राजस्थान में रविवार को भी भारी बारिश का दौर जारी रहा। मध्यप्रदेश में चम्बल व अन्य सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

3 min read
Google source verification
heavy rain in rajasthan monsoon weather update weather forecast

weather update : जयपुर। मध्यप्रदेश और राजस्थान में रविवार को भी भारी बारिश का दौर जारी रहा। मध्यप्रदेश में चम्बल व अन्य सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। चम्बल नदी में पानी की जोरदार आवक के चलते सबसे बड़े गांधी सागर बांध में एक ही दिन में 8 फीट पानी आ गया। शनिवार सुबह 8.30 बजे तक गांधी सागर का लेवल 1301.61 फीट था, जो रविवार शाम 5.30 बजे तक 1309.28 फीट हो गया। इसके चलते 7 स्लूज व 3 क्रेस्ट गेट खोलकर 2 लाख 14 हजार 194 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है, जबकि 4 लाख 40 हजार 852 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। कोटा के जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता भारतरत्न गौड़ ने बताया कि राजस्थान के राणा प्रताप सागर बांध को भरा जाएगा।

वहां अभी 1145.40 फीट भराव है, जबकि इसकी भराव क्षमता 1157.50 फीट है। अभी यह 12 फीट खाली है। इधर, राणा प्रताप सागर बांध में सोमवार सुबह 8.30 बजे तक गेट खोलने की संभावना है। इसके चलते अलर्ट जारी कर दिया है। राणा प्रताप सागर बांध का पानी जवाहर सागर व कोटा बैराज से होकर निकाला जाएगा। इसके चलते कोटा से धौलपुर तक अलर्ट जारी कर दिया है। निचले इलाकों को सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। कोटा बैराज का एक गेट खोलकर 25 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।

वहीं सबसे ज्यादा बरसात बांसवाड़ा जिले में हुई। यहां पिछले 24 घंटे में हुई भारी वर्षा से जनजीवन प्रभावित हुआ है। बांसवाड़ा के बागीदौरा इलाके में पिछले 24 घंटे में 365 मिमी (करीब 14.5 इंच) बरसात दर्ज की गई। जिले के ज्यादातर इलाकों में 200 मिमी से अधिक बरसात हुई। वहीं माही बांध के 16 गेट खुले रहे। दाहोद मार्ग पर सुरवानिया बांध के भी सभी 10 गेट छह फीट तक खोल दिए हैं। इधर, बेणेश्वर धाम टापू बना हुआ है। बांसवाड़ा में वर्षा जनित हादसों में 7 लोगाें की मौत हुई। नियंत्रण कक्ष के अनुसार कुशलगढ़ क्षेत्र में पानी में बहने से तीन, आनंदपुरी क्षेत्र में पानी में बहने और मकान ढहने से एक-एक, सज्जनगढ़ क्षेत्र में मकान की दीवार गिरने और घाटोल के भूंगड़ा क्षेत्र में पानी में बहने से एक मौत हुई।

वहीं सिरोही जिले के माउंट आबू में 137 मिमी पानी बरसा। वहीं प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूंट में करीब 150 मिमी बारिश हुई। यहां धरियावद इलाके में टापू पर चार मजदूर फंस गए। भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ में भी मूसलाधार बरसात हुई। वहीं मारवाड़ में भी जमकर बरसा। लगातार तीसरे दिन रविवार को भी झमाझम बारिश हुई। जोधपुर, पाली, जालोर, बाड़मेर, नागौर जिलों में भी हल्की से लेकर मध्यम बारिश दर्ज की गई। दिनभर बरसाती मौसम बना रहा।

यह भी पढ़ें : राजस्थान में यहां हुई ताबड़तोड़ बारिश, नदी नाले उफान पर, कल इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

इन बांधों के गेट भी खोले
- पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध के छह गेट छह साल बाद रविवार को खुले तो जवाई नदी में तेज वेग से पानी बहा, जो जालोर जिले के बिशनगढ़ तक पहुंच गया। बांध का गेज पूरी भराव क्षमता 61.25 पर स्थिर रखने के लिए छह गेट एक-एक फीट खोलकर 5340 क्यूसेक पानी की निकासी की गई।

- झालावाड़ जिले में हो रही लगातार बारिश से कालीसिंध बांध के 5 गेट 4 मीटर खोलकर 73185 क्यूसेक तथा भीमसागर बांध का एक गेट खोलकर 800 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।

आगे यह
मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटे प्रदेशभर में हल्की से लेकर तेज बारिश हो सकती है। डूंगरपुर, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, जालोर, बाड़मेर व पाली में तेज बरसात का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। दरअसल, दक्षिणी पूर्वी राजस्थान व पश्चिमी मध्यप्रदेश पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। वहीं मानसून की ट्रफ लाइन जैसलमेर के ऊपर से होते हुए दक्षिण पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश होकर बंगाल की खाड़ी तक है। जिसके प्रभाव से प्रदेश में मानसून सक्रिय है। इन सिस्टम के कारण मानसून अगले 2-3 दिन सक्रिय रहेगा।