31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सुनवाई भी नहीं हो रही, समिति अध्यक्ष का भी इंतजार

—कर्बला मैदान से शुरू हुआ विवाद निगम में पहुंचा —मंत्री प्रताप सिंह और विधायक अमीन कागजी से मिले निर्दलीय पार्षद

2 min read
Google source verification
सुनवाई भी नहीं हो रही, समिति अध्यक्ष का भी इंतजार

सुनवाई भी नहीं हो रही, समिति अध्यक्ष का भी इंतजार

जयपुर। कर्बला मैदान में क्रिकेट मैच को लेकर शुरू हुआ विवाद अब हैरिटेज नगर निगम तक पहुंच गया है। मंगलवार को निर्दलीय चुनाव जीतकर कांग्रेस को समर्थन कर रहे पार्षदों ने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विधायक अमीन कागजी से मुलाकात की। सभी ने एक स्वर में कहा न तो हमारी सुनवाई हो रही है और ही समितियों का गठन किया जा रहा है। जबकि, समर्थन के दौरान कहा था कि पार्टी पूरा सम्मान देगी।
दरअसल, विवाद की शुरुआत कर्बला मैदान में कराए गए क्रिकेट टूर्नामेंट से हुई है। वहां बिना वक्फ बोर्ड की अनुमति पिच तैयार की गई। इसका विरोध मुस्लिम नेता पप्पू कुरैशी और मुस्लिम परिषद के अध्यक्ष यूनुस चौपदार ने किया। दोनों का आरोप है कि ब्रह्पुरी थाने में एडिशनल डीसीपी सुमन चौधरी और आमेर एसीपी चंद्र सिंह रावत ने धमकाया और बदसलूकी की। मुस्लिम संगठन दोनों ही अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

जोशी नहीं चाह रहे
वार्ड—15 से निर्दलीय पार्षद मोहम्मद एहसान का कहना है कि मंत्री प्रताप सिंह, विधायक अमीन कागजी और रफीक खान समितियों का गठन चाहते हैं, लेकिन हर बार जलदाय मंत्री महेश जोशी ही इसको रोक देते हैं। इसके पीछे उनकी मंशा क्या है वो ही जानें।

जल्द करेंगे गठन
पार्षदों की नाराजगी थी। बातचीत से दूर हुई है। जल्द ही समितियों का गठन करेंगे। इन सभी ने कांग्रेस का बोर्ड बनाया है। हमारे साथी हैं। इसके अलावा पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की भी मांग की है। इसके लिए मुख्यमंत्री से बात करूंगा।
—प्रताप सिंह खाचरियावास, मंत्री

सभी निर्दलीय बनें अध्यक्ष
बोर्ड बनने से पहले मैं पांच निर्दलीय पार्षदों को लेकर आया था। मेरे विश्वास पर वे कांग्रेस के साथ हैं। मैं लगातार दोनों मंत्रियों से कह रहा हूं कि सभी निर्दलीयों को समितियां दी जाएं।
अमीन कागजी, विधायक

किसके व्यवहार से बदला पुलिस का रवैया
इधर मुस्लिम समाज के नेता पप्पू कुरैशी ने मंगलवार को कमिश्नरेट जाकर बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि पहले पुलिस का रवैया सकारात्मक था, लेकिन एक फोन आने के बाद दोनों पुलिस अधिकारियों का रवैया बदल गया। उसकी जांच होनी चाहिए।