
जयपुर . हाईकोर्ट ने हज नीति-2018 पर केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात सचिव, केन्द्रीय हज कमेटी और राज्य अल्पसंख्यक विभाग व राज्य हज कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायालय ने सतुना बानो की याचिका पर यह आदेश दिया है।
अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कोर्ट को बताया कि नई हज नीति के तहत अब एक कवर में परिवार के चार वयस्क और दो बच्चे ही आवेदन कर सकते हैं। इस कारण पूरा परिवार एक साथ हज पर नहीं जा सकता। इसके अलावा बच्चे की श्रेणी में केवल दो साल तक के बच्चों को ही शामिल किया गया है। ऐसे में यदि कोई परिवार हज पर जाता है तो उसे दो साल से बडे बच्चे को घर छोडऩा पडेगा।
हज की हवाई यात्रा किराए के रूप में सामान्य से तीन गुणा तक अधिक राशि वसूली जाती है। सामान्य किराया करीब तीस हजार रुपए होता है जबकि, हज के लिए 83 हजार रुपए वसूले जाते हैं। इसके अलावा सरकार कुल 2 लाख 82 हजार रुपए की राशि लेती है। याचिका में कहा गया कि यात्रा के लिए वैश्विक स्तर पर टेंडर मांगे जाने चाहिए। इसके अलावा अब तक वसूले गए अधिक किराए की जांच होनी चाहिए।
हज नीति को चुनौती देने वाली याचिका में यह भी कहा कि सब्सिडी के बावजूद हज यात्रा का तीन गुणा सरकार ले रही है। इस मामले की जांच कराई जाए। ग्लोबल टेंडर करके हजयात्रा पर भेजा जाए तो यात्रा सब्सिडी के बाद ली जाने वाली राशि से भी सस्ती पडेगी। किराया अधिक लेने की जांच हो और सब्सिडी नहीं देने की गुहार भी की है।
Published on:
13 Dec 2017 11:11 pm
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