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जानलेवा शौक…वाहनों में हाई पावर ऑडियो सिस्टम, एलईडी और लेजर लाइट, राजधानी जयपुर में बेखौफ दौड़ रहे ये वाहन

वाहनों में हाई पावर ऑडियो सिस्टम, एलईडी और लेजर लाइट जैसे शौक जानलेवा हो सकते हैं। सड़कों पर अक्सर रात में दौड़ते ऐसे वाहन किसी को भी मौत का ग्रास बना सकते हैं। राजधानी जयपुर में भी ऐसे वाहन बेखौफ दौड़ रहे हैं।

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जयपुर

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Supriya Rani

Mar 28, 2024

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प्रतीकात्मक फोटो

Jaipur News : वाहनों में हाई पावर ऑडियो सिस्टम, एलईडी और लेजर लाइट जैसे शौक जानलेवा हो सकते हैं। सड़कों पर अक्सर रात में दौड़ते ऐसे वाहन किसी को भी मौत का ग्रास बना सकते हैं। हाल ही हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि हाई पावर ऑडियो सिस्टम वाले वाहनों के उपयोग को अनुमति नहीं दी जाए। वाहनों में लगी एलईडी और लेजर लाइट को भी वैध नहीं माना जाए।

राजधानी जयपुर में भी ऐसे वाहन बेखौफ दौड़ रहे हैं लेकिन इन वाहनों पर पुलिस की कार्रवाई सिर्फ खानापूर्ति है। बीते साल पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण के महज 1325 चालान किए हैं। इधर, राजधानी में मौत का आंकड़ा देखें तो सर्वाधिक मौतों का ग्राफ जयपुर उत्तर में बढ़ा है। यहां साल 2022 की तुलना में 2023 में 37 फीसदी मौतें बढ़ी हैं। विशेषज्ञों की मानें तो हाई-पावर ऑडियो सिस्टम वाहन चालकों और यात्रियों की सुनने की क्षमता को कम कर देते हैं। इससे ध्यान भटक जाता है और हादसे हो जाते हैं।


जयपुर एआरटीओ प्रकाश टहलियानी के अनुसार मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार ऐसे वाहनों के संचालन की अनुमति नहीं है। नियमानुसार कंपनी की ओर से तैयार वाहन में मनमर्जी से बदलाव करना अवैध है। ऐसे वाहनों पर 10 हजार रुपए तक का चालान किया जा सकता है।


वर्ष -------------------- पुलिस की कार्रवाई
2022 ------------------ 10029
2023 ------------------ 8442

वर्ष -------------------- पुलिस की कार्रवाई
2022 ------------------ 1435
2023 ------------------ 1325

आयु वर्ग : मृतक : प्रतिशत
18 वर्ष से कम : 485 : 4
18 से 25 वर्ष : 2755 : 25
25 से 35 वर्ष : 3523 : 32
35 से 45 वर्ष : 2546 : 23
45 से 60 वर्ष : 1389 : 12
60 वर्ष से अधिक : 302 : 3
अज्ञात : 104 : 1

अपराध : मृतक : प्रतिशत
तेज गति : 8,988 : 81
नशे में वाहन चलाना : 98 : 1
गलत दिशा में वाहन चलाना : 491 : 4
लाल बत्ती उल्लंघन : 4 : 1 फीसदी कम
मोबाइल फोन का उपयोग : 58 : 1
अन्य : 1,455 : 13

प्रदेश में मौतों का ग्राफ जयपुर उत्तर में बढ़ा है। यहां बीते साल 37 फीसदी मौत बढ़ी है। जयपुर ग्रामीण में 23 फीसदी मौत घटी हैं। गत वर्ष की तुलना में कोटा शहर में सबसे ज्यादा 48 फीसदी अधिक घायल हुए हैं। घायलों की संख्या में सबसे ज्यादा कमी जालोर में (35 फीसदी) आई है। हादसों की बात करें तो जैसलमेर में सबसे अधिक हादसे बढ़े हैं। गत वर्ष की तुलना में यहां 32 फीसदी हादसे बढ़े हैं। जयपुर ग्रामीण में 22 फीसदी हादसों में कमी आई है।

रोड सेफ्टी विशेषज्ञ संजीव सांखला का कहना है कि जब तेज गति म्यूजिक चलता है तो वाहन चालक का ब्रेन मस्ती में आ जाता है। इस दौरान लापरवाही हो जाती है। स्पीड बढ़ती है। नियमों का ध्यान नहीं रहता है। हाई-पावर ऑडियो सिस्टम चालक ही नहीं राहगीर और अन्य चालकों के लिए भी जानलेवा है। इसके अलावा एलईडी और लेजर लाइट से भी हादसे बढ़ रहे हैं। ऐसे वाहनों पर पाबंदी लगनी चाहिए। फिटनेस प्रमाण पत्र भी जारी नहीं किए जाने चाहिए।

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