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एेतिहासिक रहा क्लैट रिजल्ट ऑल इंडिया फस्र्ट रैंक अमन गर्ग ने हासिल की

क्लैट में देश की निगाहें जयपुर पर, ऑल इंडिया फस्र्ट रैंक अमन गर्ग, सेकंड देवांश कौशिक और थर्ड अनमोल गुप्ता ने हासिल की

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Jaipur News

एेतिहासिक रहा क्लैट रिजल्ट ऑल इंडिया फस्र्ट रैंक अमन गर्ग ने हासिल की

जयपुर . तमाम अटकलों और कयासों के बाद आखिरकार जब कॉमन लॉ एडमिशन टैस्ट (क्लैट) का परिणाम गुरुवार को जारी किया गया, तो देशभर की निगाहें जयपुर की ओर हो गईं। पिंकसिटी के स्टूडेंट्स ने इतिहास रचते हुए पहले तीन स्थानों पर कब्जा जमाकर एेतिहासिक सफलता हासिल की। शहर के स्टूडेंट अमन गर्ग ने ऑल इंडिया फस्र्ट, देवांश कौशिक ने सेकंड और अनमोल गुप्ता ने थर्ड रैंक प्राप्त की है। इनके अलावा उमंग अग्रवाल ने १०, हर्षिता गुप्ता ने ११, अक्षत डंगायच ने १६, कुणाल बडेसरा ने १८, अंशुल वत्स ने २४, अनुष्का खंडेलवाल ने २५, स्वास्तिक भारद्वाज ने ४२, मन शर्मा ने ४४, समीक्षा भार्गव ने ४६, मयंक गोयल ने ६३, माधव मित्रुका ने ६४ और आयुष सक्सेना ने ऑल इंडिया ७३ रैंक हासिल कर टॉप १०० में जगह बनाई। खास बात यह है कि स्टूडेंट्स को फाइनल रिजल्ट में १६ मई को जारी स्कोर कार्ड से ज्यादा अंक मिले हैं। स्टूडेंट अमन गर्ग को १.५ अंक, देवांश कौशिक को १.२५ और अनमोल गुप्ता को ०.२५ ज्यादा अंक प्राप्त हुए हैं।

रिजल्ट तक अटकी रहीं सांसें

रिजल्ट जारी होने से पहले स्टूडेंट्स की सांसें अटकी रहीं। हालांकि १६ मई को स्कोर कार्ड जारी कर दिए गए थे, इसके बाद २६ मई को स्टूडेंट्स को दो सवालों के बारे में जानकारी दी गई। इसमें एक सवाल को पूर्णतया हटाने और एक के आंसर बदलने की सूचना दी गई। शहर के स्टूडेंट्स को बेहतर माक्र्स मिलना तय माना जा रहा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के चलते स्टूडेंट्स में घबराहट बनी रही। फिर आखिरकार रिजल्ट जारी होने के बाद परिणाम सुखद रहा। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई ६ जून को होगी।

02 रैंक देवांश कौशिक

माता-पिता- महेन्द्र कौशिक प्रिंसीपल सरकारी स्कूल मुरलीपुरा, गायत्री कौशिक- सरकारी टीचर
अंक : १५७.५
परिणाम को लेकर थोड़ी चिंता थी, लेकिन सभी तरह की परीक्षा के लिए तैयार था। मुझे लगता है कि टॉप करने के लिए स्मार्ट वर्क जरूरी है। पेपर में स्टेटिक जीके और मैथ्स का सेक्शन काफी मुश्किल रहा, लेकिन मैं हर सवाल, हर टॉपिक के लिए तैयार था। टॉप करने के लिए एक दिन नहीं, बल्कि पूरे साल कंसिस्टेंसी से पढ़ाई जरूरी है। मैंने बहुत क्लोज कॉम्पिटीशन को अनुभव किया है। यही वजह है कि एग्जाम में अच्छा परफॉर्म कर पाया।

03 रैंक अनमोल गुप्ता
माता-पिता- शरद गुप्ता- ज्वैलर, ममता गुप्ता, वास्तु विशेषज्ञ
अंक : १५७.५
ट्वैल्थ के एंड तक क्लूलैस था, लेकिन मेरी राइटिंग, रीडिंग और डिबेटिंग स्किल्स अच्छी थी। पिछले साल क्लैट में ६५७ रैंक हासिल किए थे। ये मेरी थोड़ी सी ही तैयारी का परिणाम था, फिर मैंने सोचा कि बेहतर तैयारी करूं तो अच्छा परफॉर्म कर सकता हूं। पिछले साल का क्लैट एक लर्निंग की तरह था। आइलेट में भी मेरा सलेक्शन नहीं हुआ, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और आज परिणाम सभी के सामने है। हर फेलियर से यदि सबक लेकर आगे बढ़ा जाए तो एक बेहतर परिणाम पाया जा सकता है।

18 रैंक कुणाल बड़ेसरा

माता-पिता- संजय बड़ेसरा हिस्ट्री टीचर, रेणु- एंटरप्रेन्योर
अंक : १४२
मुझे पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशंस में इंट्रस्ट है। मेरा एेम आइएफएस बनना है। इसमें लॉ मुझे हैल्प करेगा। क्लैट में बेहतर स्कोर करने के लिए प्रेक्ट्सि जरूरी है। हालांकि रिजल्ट को लेकर चिंता थी, लेकिन मेरी एनएलयू दिल्ली में आठवीं रैंक रही, इसलिए मेरे पास बैकअप प्लान था। जब हरियाणा से यहां आया, तो कॉन्फिडेंस में कमी थी, लेकिन धीरे-धीरे प्रेक्ट्सि से लर्निंग रही।
मॉक टैस्ट से आसान हुआ क्लैट

अमन गर्ग

माता-पिता : अरुण गर्ग सीईओ जिला परिषद अजमेर , ममता
गर्ग- गृहिणी
अंक : १९९ में से १५९
मेरा सेंटर सीतापुरा के एक कॉलेज में था। जहां पेपर अटेम्प्ट करते समय कम्प्यूटर हैंग हो गया और टाइमर रुक गया था, थोड़ी देर बाद जब दूसरा कम्प्यूटर आया तो फिर से एग्जाम शुरू किया। इससे मेरा कॉन्संट्रेशन बिगड़ा, लेकिन मैंने सभी सवाल अटेम्प्ट किए। हालांकि थोड़ा नर्वस था, लेकिन परिणाम को लेकर कॉन्फिडेंट भी। दरअसल, जब पेपर से दो दिन नए इंटरफेस के बारे में पता चला तो मुझे हैरानी नहीं हुई, क्योंकि मैं जानता था कि क्लैट मोस्ट अनएक्सपेक्टेड एग्जाम है। सालभर में मैंने प्रेक्ट्सि के लिए ८० से ९० मॉक टैस्ट दिए। अप्रैल-मई के दौरान रोजाना घर पर मॉक टैस्ट देता। घर पर भी कभी-कभार तकनीकी समस्याएं आ जाती थीं, तो मुझे मॉक अटेम्प्ट करने से इसकी प्रेक्ट्सि हो गई।
क्लैट के लिए मैंने ११वीं में पढ़ाई शुरू कर दी थी। टॉपर बनने के लिए खुद को ऑनेस्ट होना जरूरी है। अपनी वीकनैस पर काम करें तो सफलता पाई जा सकती है। मैंने एनएलयू बेंगलुरू ड्रीम किया था, अब यह सपना पूरा होने जा रहा है। बोर्ड में मैंने ९३ प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। दोनों पर मैंने बराबर फोकस रखा। मुझे हॉर्स राइडिंग पसंद है। यह स्ट्रेस बस्टर का काम करता है।

एक्सपर्ट अभिषेक शर्मा का कहना है कि एेतिहासिक परिणाम से देश की निगाहें अब जयपुर के उभरते टैलेंट पर हैं। ओवरऑल परिणाम पिछले साल से काफी बेहतर रहा है। एक्सपर्ट नवनीत सिंह राजपुरोहित का कहना है कि जल्द ही जयपुर क्लैट के मामले में नंबर 1 सिटी बनकर उभरेगा। ओवरऑल रिजल्ट उम्मीद से भी बेहतर रहा है।


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