
पत्रिका न्यूज नेटवर्क/जयपुर। Holashtak 2023: होली से आठ दिन पहले शुरू होने वाले होलाष्टक की शुरुआत 27 फरवरी को सूर्योदय से होगी। वहीं, ज्योतिषविदों के मुताबिक इस बार दो एकादशी के कारण होलाष्टक आठ के बजाय नौ दिन के होंगे। ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि एकादशी की तिथि की वृद्धि होने से ऐसा संयोग बना है।
वहीं, होलाष्टक का समापन सात मार्च को होगी। ऐसे में इस अवधि में सभी मांगलिक कार्य पूर्णतया वर्जित रहेंगे। हालांकि, इस दौरान भगवान विष्णु की आराधना करना विशेष फलदायी रहेगा। इसी दिन व्यापारिक ग्रह मकर राशि को छोड़कर शाम 4.46 कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
इसके अलावा 27 साल बाद फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष में दो एकादशी (ग्यारस) का संयोग बना है। दो मार्च को स्मार्त और अगले दिन वैष्णव मत वाले एकादशी मनाएंगे। ज्योर्तिविद पं.घनश्याम लाल स्वर्णकार के मुताबिक होलाष्टक की अवधि में मौसम के साथ ही कई अन्य बदलाव भी होते हैं।
वहीं, वातावरण में हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। तापमान में वृद्धि से इस मौसम में शरीर पर सूर्य की पराबैंगनी किरणें विपरीत असर डालती हैं। होलिका दहन के दौरान निकलने वाली अग्नि शरीर के साथ ही आस-पास के बैक्टीरिया और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर देती है।
पदयात्राएं 23 से
23 मार्च से जयपुर से खाटूश्याम जी मेले के लिए पदयात्राओं के रवाना होने का सिलसिला शुरू होगा। श्यामसेवी संस्थाओं की ओर से यात्रियों को नि:शुल्क ले जाने के लिए 200 से अधिक बसें भी बुक की हैं। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक ट्रेवल कंपनी के मालिक मोहन दाधीच ने बताया कि पांच मार्च तक विभिन्न संस्थाओं ने बसों की बुकिंग कराई है।
Published on:
20 Feb 2023 11:57 am
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