
HOLI: मिलावटखोरी से सावधान, बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा नकली मसाला, तेल और दूध
जयपुर। होली का त्यौहार है। बाजार में एक बार फिर जमकर मिलावटी मिठाइयां बिकने की तैयारियां शुरू हो गई है। लेकिन जिला प्रशासन की ओर से मिलावटखोरी रोकने के लिए अब तक कोई विशेष अभियान का प्लान नहीं बनाया गया है। जिस तरीके से दीपावली पर मिलावटखोरी रोकने के लिए 15 दिन पहले ही प्लान बनाकर अभियान शुरू कर दिया गया था। इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया है। 6 और 7 मार्च को होली का त्यौहार है। जिसमें अब सिर्फ पांच दिन शेष बचे हैं। लेकिन अब तक मिलावटखोरों के खिलाफ कोई जांच या बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई है।
ऐसे में मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं। बाजार में जमकर नकली मिर्च, धनिया आदि मसाला, मिलावटी तेल, दूध आदि खाद्य सामग्री बिक रही है। ऐसा नहीं है कि खाद्य विभाग या जिला प्रशासन को इस बारे में जानकारी नहीं है। अधिकारियों को मालूम है मिलावटखोरी जबरदस्त तरीके से हो रही है। लेकिन विभाग की ओर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत रुटीन कार्रवाई की जा रही है। जिसके तहत रुटीन सैंपल लिए जाते है और जांच की जाती है।
जांच कार्रवाई में अजमेर, सीकर व अलवर आगे, जयपुर पीछे
मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई की बात करें तो सबसे ज्यादा जांच कार्रवाई अजमेर, सीकर, अलवर जिले में हुई है। जयपुर जिले की बात करें तो जयपुर प्रथम और जयपुर द्वितीय मिलावटखोरों के खिलाफ जांच कार्रवाई के मामले में पीछे रहा है। साल 2022 की रिपोर्ट के आधार पर अजमेर में 724 दुकानों का निरीक्षण किया गया, जिसमें से 699 सैंपल लिए गए। सीकर में 693 दुकानों का निरीक्षण किया गया, जहां 706 सैंपल लिए गए। अलवर में 570 स्थानों पर निरीक्षण कर 570 सैंपल लिए गए। जयपुर की बात करें तो जयपुर प्रथम में 554 स्थानों का निरीक्षण करने पर 815 सैंपल लिए गए। जयपुर द्वितीय में 355 स्थानों का निरीक्षण कर 523 सैंपल लिए गए। वहीं जोधपुर में 415 दुकानों का निरीक्षण कर 415 सैंपल लिए गए। इस तरीके से प्रदेश के सभी जिलों में 13530 स्थानों पर जांच कार्रवाई की गई। इन स्थानों से 14051 सैंपल लिए गए। इनमें से 3739 सैंपल मिलावटी पाए गए।
फूड सेफ्टी वैन से निभाई जा रही औपचारिकता..
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत फूड सेफ्टी वेन चलाई जा रही है। यह वेन खाद्य सामग्री के सैंपल की जांच करती है। इस वेन में एक पब्लिक एनालिसिस होता है, जो खाद्य सामग्री के सैंपल की जांच करता है। यह वेन मिठाइयों व अन्य दुकानों पर जाती है और सैंपल जांच कराने के लिए कहते हैं। ऐसे में दुकानदार की इच्छा होती है तो वह जांच करवा लेता है, अन्यथा फूड सेफ्टी वैन की ओर से किसी पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है। क्योंकि नियमानुसार स्वेच्छा से ही कोई भी व्यक्ति अपनी खाद्य सामग्री की जांच करा सकता है। ऐसे में यह फूड सेफ्टी वेन भी औपचारिक साबित हो रही है।
इनका कहना है..
बाजार में सबसे ज्यादा मिलावट मसालों में सामने आती है। मसालों की जांच की जाती है तो वह अपना कलर छोड़ देते हैं। ऐसे में साबित होता है कि यह मसाले नकली है। इसके अलावा नकली तेल, घी और दूध में भी मिलावट सामने आ रही है। मिलावटी खाद्य सामग्री की वजह से कैंसर व अन्य बीमारियां होती हैं। जिसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- शिप्रा तिवाड़ी, पब्लिक एनालिसिस
Published on:
02 Mar 2023 11:21 am
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