जयपुर शहर में ट्रैफिक जाम और संकरी गलियां पुलिस के लिए गश्त में बड़ी चुनौती हैं। पारंपरिक वाहन जैसे मोटरसाइकिल या कार इन क्षेत्रों में तेजी से मूवमेंट के लिए उपयुक्त नहीं हैं, जबकि पैदल गश्त समय लेती है। होवरबोर्ड स्कूटर इस कमी को पूरा करते हैं। ये स्कूटर संकरी गलियों और भीड़भाड़ वाले बाजारों में आसानी से चल सकते हैं। आपात स्थिति में पुलिस को जल्दी पहुंचने में मदद करते हैं। साथ ही ये इलेक्ट्रिक होने के कारण पर्यावरण के अनुकूल भी हैं।
यह तकनीक पुलिस की कार्यक्षमता और आधुनिकता को दर्शाती है, जिससे जनता में विश्वास बढ़ता है। इसके आने से पुलिस की आधुनिक छवि लोगों के सामने पेश होगी। पांच स्कूटर से ट्रायल शुरू
जानकारी के अनुसार भारत में होवरबोर्ड स्कूटर का उपयोग पुलिस की ओर से फिलहाल अभी प्रारंभिक चरण में है। जयपुर इस मामले में अग्रणी है। हाल ही पहली बार जयपुर ट्रैफिक पुलिस ने पांच सेल्फ-बैलेंसिंग होवरबोर्ड स्कूटर का ट्रायल शुरू किया।
अभी तक राजस्थान के अन्य शहरों में पुलिस की ओर से होवरबोर्ड का उपयोग नहीं किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत दिल्ली, बेंगलुरु, और चेन्नई जैसे शहरों में ऐसी तकनीकों पर विचार हो सकता है। कुछ जगहों पर पुलिस ई-बाइक और ड्रोन का उपयोग कर रही है, जैसे दिल्ली में ड्रोन पेट्रोलिंग। हालांकि, होवरबोर्ड का उपयोग अभी जयपुर तक सीमित है।
दुबई और सिंगापुर में पुलिस होवरबोर्ड का उपयोग पर्यटन स्थलों और हवाई अड्डों पर करती है। भारत में भी यह ट्रेंड बढ़ सकता है। चलाने की चुनौतियां
होवरबोर्ड स्कूटर का उपयोग नई तकनीक होने के कारण पुलिस के सामने चुनौती भी बना हुआ है। इसके लिए पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। होवरबोर्ड चलाने के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसे संतुलन और नियंत्रण की जरूरत होती है। जानकारी के अनुसार इसकी बैटरी एक बार चार्ज करने पर करीब 20 किमी तक चलती है।
होवरबोर्ड स्कूटर समतल जगह पर ही चल सकते हैं। राजधानी जयपुर में टूटी सडक़ और बारिश इन्हें प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि ये वाटर-रेसिस्टेंट होते हैं, लेकिन फिर भी पानी में इन्हें चलाने में परेशानी हो सकती है। जयपुर में मानसून के दौरान जलभराव आम है, जो इस तकनीक के लिए बड़ी चुनौती है।
यातायात पुलिस आयुक्तालय जयपुर को 5 होवरबोर्ड स्कूटर उपलब्ध कराए गए हैं। ये स्कूटर यातायात पुलिस के लिए वरदान होगा। यातायात व्यवस्था इससे सुचारू होगी।
अमीर हसन, एसीपी साउथ, यातायात पुलिस जयपुर