
जयपुर
आमतौर पर हार्ट सर्जरी के बाद मरीजों में होने वाली सबसे आम दिक्कत उनके हृदय का कमजोर होना है। ऐसी स्थिति के लिए अब सेंट्रीमैग नाम का नया उपकरण आ गया है जो हार्ट को सपोर्ट कर उसे रिकवर होने में मदद करेगा।
दिल की समस्याओं से जुड़ी ऐसी ही जानकारी कार्डियोवैस्कुलर एंड थोरेसिक सर्जरी की नेशनल कॉन्फ्रेंस में मिली। जयपुर में हो रही चार दिवसीय कॉन्फ्रेंस में 1400 से अधिक डेलीगेट्स हार्ट सर्जरी से जुड़ी नवीनतम तकनीकों के बारे में चर्चा कर रहे हैं। देश विदेश से आए डॉक्टर्स् ने हार्ट सर्जरी की नवीनतम तकनीकों के बारे में एक दूसरे से रूबरू हो रहे है और मरीजों को राहत कैसे मिले इस पर चर्चा कर रहे है।
आइएसीटीएस कॉन-2022 का आज तीसरा दिन है। कल इसका समापन होगा। सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉ. आरके यादव ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए विशेष वेटलैब वर्कशॉप आयोजित की गई। जिसमें उन्हें हार्ट सर्जरी के बारीकियों को समझाया गया।
वहीं अमेरिका के इंटरवेंशनल कार्डियोलोजिस्ट डॉ. समीन शर्मा ने एओर्टिक वॉल्व की समस्याओं के इलाज में एडवांस ट्रांसकैथेटर थैरेपीज के बारे में बताया। तो डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने नर्सिंग स्टाफ को हार्ट सर्जरी में सर्जन के साथ बेहतर सामंजस्य रखने की ट्रेनिंग दी।
जयपुर के डॉ. आरएम माथुर ने बताया कि जिन मरीजों की पंपिंग बहुत कम हो जाती है और उनके हार्ट ट्रांसप्लांट में समय लग रहा है ऐसे मरीजों को एलवेड नाम की तकनीक बचा रही है। इस सर्जरी तकनीक से मरीज की उम्र पांच साल तक बढ़ाई जा सकती है।
हैदराबाद के डॉ. प्रतीक भटनागर ने बताया कि अब तक सर्जरी के दौरान किसी भी नस से अगर खून का रिसाव होने लगता है तो अब पाउडर के रूप में एक नई दवा सर्जीसील पाउडर इजाद की गई है जिसे प्रभावित नस पर छिड़ककर 15 से 20 सेकंड में रक्तस्राव रोक दिया जाता है।
Updated on:
09 Apr 2022 10:37 am
Published on:
09 Apr 2022 10:16 am
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