
सीएम चयन में...एमपी व छत्तीसगढ़ का अपनाते हैं फार्मूला तो राजस्थान में बनेंगे ये 5 सियासी समीकरण
राजेश दीक्षित
जयपुर। राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल किया है। अब यहां पर मुख्यमंत्री बनाने की कवायद जारी है। मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में तो भाजपा आलाकमान ने सीएम के नामों की घोषणा कर दी है। अब मंगलवार शाम तक राजस्थान में भी सीएम का नाम फाइनल हो जाएगा। इन दोनों प्रदेशों में भाजपा ने जो फार्मूला अपनाया है, यदि सीएम चयन में यही फार्मूला राजस्थान में अपनाया जाता है तो ये पांच सियासी समीकरण बदल जाएंगे।
1-विधायक ही बनेगा सीएम!
तीन दिसम्बर को चुनाव परिणाम आया। राजस्थान में भाजपा ने 115 सीटें हासिल की। तभी से यहां सीएम के कई दावेदारों के नाम चल रहे थे। इनमें वर्तमान विधायक हैं। तो वे भी नाम चले जो विधायक नहीं है। मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ का फार्मूला यहां लागू होता है तो केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, ओम माथुर, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल का नाम सीएम के दावेदारों से हट गया है। इनके नाम प्रमुख दावेदारों में तो चल रहे थे,लेकिन ये विधायक नहीं हैं। अब यहां से विधायकों की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबा बालकनाथ, सिद्धि कुमारी का भी नाम आ सकता है। हालांकि भाजपा आलाकमान एकदम नए नाम लाकर भी चौंका सकता है। ऐसा नाम भी आ सकता है, जिनका नाम अब तक दावेदारी में नहीं चल रहा है।
2-दो उपमुख्यमंत्री बनेंगे!
एमपी व छत्तीसगढ़ में भाजपा ने दो उपमुख्यमंत्री बनाने का दांव खेला है। ऐसा राजस्थान में भी संभावना जताई जा रही है। वैसे राजस्थान में अब तक पांच उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं। इनमें चार कांग्रेस राज में तो एक भाजपा के शासन में बना है। भाजपा के शासन में पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के कार्यकाल हरिशंकर भाभड़ा बने थे। वैसे राजस्थान में पहली सरकार से ही उपमुख्यमंत्री बनने का रिवाज रहा है। अब तक टीकाराम पालीवाल,बनवारी लाल बैरवा, कमला बेनीवाल,हरिशंकर भाभड़ा व सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं। इसके अलावा एक ही सरकार में दो-दो उपमुख्यमंत्री भी राजस्थान में रह चुके हैं। अशोक गहलोत की वर्ष 1998 की सरकार में कमला बेनीवाल व बनवारी लाल बैरवा दोनों एक साथ ही उपमुख्यमंत्री पद पर रहे हैं।
3-विधानसभा अध्यक्ष भी होगा नियुक्त
सीएम व डिप्टी सीएम के साथ ही राजस्थान में आज ही विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त होने की पूरी संभावना जताई जा रही है। छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह तो मध्यप्रदेश में नरेन्द्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। ऐसे में राजस्थान में भी पूरी संभावना जताई जा रही है कि यहां भी मंगलवार को ही सीएम व डिप्टी सीएम के नामों की घोषणा के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के नाम की भी घोषणा हो सकती है। वैसे ज्यादातर सीएम बनने के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाते रहे हैं। इससे पहले प्रोटेम स्पीकर ही नए सदस्यों को शपथ दिलाते हैं। यह भी चर्चा है कि सीएम के प्रमुख दावेदारों में से ही विधानसभाअध्यक्ष बनाया जाएगा।
4-नए चेहरे को ही बनाया सीएम
तीनों राज्यों में पुराने चेहरे सीएम के प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे। भाजपा आलाकमान में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में नए चेहरे को एकदम सीएम के रूप में सामने लाकर सबको चौंका दिया है। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह व मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह पूर्व मुख्यमंंत्री रहे हैं। ऐसे में ये दोनों नाम प्रमुख माने जा रहे थे। भाजपा ने इन दोनों को दरकिनार कर नए चेहरे को मौका दिया है। छत्तीसगढ़ से विष्णुदेव साय तो मध्यप्रदेश से डॉ.मोहन यादव को सीएम बनाया है। ये दोनों सीनियर लीडर तो हैं। लेकिन सीएम के रेस में नहीं माने जा रहे थे। ऐसे में अब राजस्थान में प्रमुख चेहरा पूर्व मुख्यमंत्री वसुुन्धरा राजे की सीएम बनने की उम्मीदें भी कम होती नजर आ रही हैं। राजे दो बार की मुख्यमंत्री रह चुकीं हैं।
5- तो क्या राजे करेंगी नए सीएम की घोषणा
छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में भाजपा ने एक नया रिवाज शुरू किया है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री व प्रमुख दावेदार से ही नए सीएम के नाम की घोषणा कराई है। इसके पीछे यह भी संभावना जताई जा रही है कि ताकि पार्टी में अंदरूनी विरोध नहीं हो। मध्यप्रदेश में सोमवार को जब मोहन यादव का नाम सामने आया तो इसकी घोषणा वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने की। इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी नए सीएम विष्णुदेव साह के नाम की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह ने की है। यही फार्मूला राजस्थान में भी अपनाया जाता है तो पूर्व मुख्यमंत्री व प्रमुख दावेदार वसुन्धरा राजे से ही नए सीएम की घोषणा कराई जा सकती है।
Published on:
12 Dec 2023 10:46 am
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