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Rajasthan: राजस्थान में तोप के गोलों जैसी पत्थरों की बारिश, दहशत में लोग, बाल-बाल बची गर्भवती की जान

पृथ्वीपुरा निवासी छोटू गुर्जर ने बताया कि जोरदार धमाके की आवाज के साथ तोप के गोले की स्पीड से पत्थर मकान में आकर गिरा, जिसमें सीढ़ियां और कमरा क्षतिग्रस्त हो गया।

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Illegal blasting in Bassi

पृथ्वीपुरा में ब्लास्टिंग के बाद आए पत्थरों से क्षतिग्रस्त मकान। फोटो- पत्रिका

तूंगा (देवगांव)। बस्सी के तूंगा थाना क्षेत्र के ग्राम पृथ्वीपुरा में शनिवार को खनन कार्यों में हो रही अवैध ब्लास्टिंग ने स्थानीय लोगों में खौफ और भय का माहौल पैदा कर दिया। जोरदार धमाके के साथ हुए ब्लास्ट के बाद पत्थर 500 से 700 मीटर दूर स्थित घनी आबादी वाले मकानों और स्कूलों तक जा पहुंचे।

पत्थरों की गति इतनी तेज थी कि पुराने समय के बने मकानों की मोटी दीवारें टूट गईं और कमरों तक पत्थर गिरने से लोगों की जान पर संकट बन आया। सबसे अधिक क्षति उस मकान को हुई, जिसमें एक गर्भवती महिला और बच्चा मौजूद थे। गनीमत रही कि बच्चा कुछ मिनट पहले ही कमरे से बाहर आ गए थे, जबकि महिला दूसरे कमरे में होने से बच गई।

लोग दहशत में रहे

हालांकि पास के दूसरे मकान में गिरते छोटे पत्थरों से एक महिला घायल हो गई, जिसे तूंगा सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। यकायक हुई घटना से लोग दहशत में रहे। वहीं पुलिस और प्रशासन के खिलाफ लोगों में खासा आक्रोश भी देखने को मिला। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि कई बार प्रशासन, पुलिस और जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आए दिन होने वाली इस घटना को लोग दशहत में जीवन जी रहे हैं।

महिला ने बताया - बेटा बाहर आ गया, नहीं तो हो जाता अनर्थ

घटना के बारे में जानकारी देते हुए वृद्ध महिला गेखा देवी भावुक को गईं। महिला ने बताया कि मकान में इकलौता बेटा अंदर कमरे में था और कुछ समय पहले ही निकल कर बाहर आया था। कमरे में पत्थर जाकर उसके बिस्तर के पास गिरा, अगर वहां होता तो बड़ा अनर्थ हो जाता। महिला घटना को याद करते हुए ही डर से सहम गई।

तोप के गोले जैसे आया पत्थर

पृथ्वीपुरा निवासी छोटू गुर्जर ने बताया कि जोरदार धमाके की आवाज के साथ तोप के गोले के स्पीड से पत्थर मकान में आकर गिरा, जिसमें सीढ़ियां और कमरा क्षतिग्रस्त हो गया। कमरे में सो रहा पोता बाहर आ गया था, नहीं तो बड़ी घटना हो जाती।

ब्लास्टिंग बंद हो तो मिले स्थाई निजात

मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि ब्लास्टिंग के बाद मकान तक पत्थर आने के बाद विरोध किया जाता है तो कुछ दिनों तक तो ब्लास्टिंग कम मात्रा में होती है, लेकिन फिर तेज धमाके होते हैं, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

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इनका कहना है

ब्लास्टिंग का मामला संज्ञान में आते ही तत्काल जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया है और अवैध ब्लास्टिंग रुकवाने और नुकसान की जानकारी लेने के लिए कहा गया है।

  • गरिमा शर्मा, उपखंड अधिकारी बस्सी