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बजरी माफिया : डम्पर चालक का खुलासा, बनास से जयपुर के बीच हर थाने में देते थे 15 हजार की बंधी

किशोर सिंह प्रकरण : डम्पर चालक के पास नहीं है ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी मालिक का पता भी फर्जी

जयपुरJun 14, 2019 / 10:36 pm

pushpendra shekhawat

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बजरी माफिया : डम्पर चालक का खुलासा, बनास से जयपुर के बीच हर थाने में देते थे 15 हजार की बंधी

मुकेश शर्मा / जयपुर. करधनी की गंगा विहार कॉलोनी में किशोर सिंह (62) को डम्पर से कुचलने वाले चालक जगदशी जाट के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। जबकि परिवहन विभाग में डम्पर मालिक रामलाल जाट ने रजिस्ट्रेशन में जो पता लिखा रखा है, वह भी गलत निकला। हालांकि पुलिस को चालक जगदीश जाट से डम्पर मालिक रामलाल के कालवाड़ा रोड पर एक गांव में रहने की जानकारी मिली है। लेकिन अभी भी डम्पर मालिक अभी पकड़ में नहीं आया है।
पुलिस ने चालक जगदीश को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे दो दिन के रिमांड पर सौंपा गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में चालक ने बताया कि बिना लाइसेंस के डम्पर चलाने पर उसे प्रति माह 10 हजार रुपए तनख्वाह दी जा रही थी। एक साल से वह डम्पर चला रहा है, जबकि रामलाल ने दो साल पहले डम्पर खरीदा था। रामलाल इससे पहले दूध बेचता था। लेकिन डम्पर खरीदने के बाद बजरी का काम करने लगा। रामलाल कुछ दलालों के संपर्क में है। दलाल ही रामलाल को बजरी के लिए फोन करते थे। रामलाल के कहने पर बनास पहुंचता था। वहां पर खनिज विभाग और बजरी भरने वाले 12 हजार से 20 हजार रुपए तक टन के हिसाब से लेते हैं। दलाल लोग रास्ते में पकडऩे वाले सभी पुलिस थानों में 15 हजार रुपए तक की बंधी देनी होती है।
डम्पर को एस्कॉर्ट करने वाले दलाल थाना या चौकी आने से तीन किलोमीटर पहले डम्पर को रुकवा देते। फिर आगे की लोकेशन चेक करते। डम्पर पास कराने की सेंटिंग करने के बाद डम्पर को आगे निकलवा देते हैं। कई बार गश्ती पुलिस या नए पुलिसकर्मी पकड़ लेते हैं तो एस्कॉर्ट करने वाले दलाल ही हाथों हाथ सेंटिंग कर या फिर रसूखात का असर दिखा वहां से निकलवाते हैं। भवन निर्माण करने वाले के यहां 65 से 70 हजार रुपए में डम्पर पहुंचाया जाता है। इसमें अवैध बजरी परिवहन में डम्पर मालिक के खर्चा, बंधी और रिश्वत देने के बाद एक चक्कर में 20 से 25 हजार रुपए की बचत होती है।
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