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Reservation in Rajasthan: राजस्थान में आरक्षण को लेकर भजनलाल सरकार ने विधानसभा में कही ऐसी बड़ी बात

Rajasthan News: राजस्थान सरकार की ओर से जवाब में बताया है कि प्रदेश में चार वर्गों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग में सम्मिलित जातियां निवास करती हैं।

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Bhajanlal Sharma

Reservation in Rajasthan: राजस्थान में अनुसूचित जाति वर्ग में 59, अनुसूचित जनजाति वर्ग में 12 और पिछड़ा वर्ग में विभिन्न श्रेणी की 92 जातियों को आरक्षण दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने पिछली सरकार के अंतिम सत्र में विधानसभा में लगाए एक सवाल पर यह जवाब दिया है। सरकार ने अपने जवाब में बताया है कि अनाथ बच्चों को अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिया गया है।

ब्यावर से भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने विधानसभा में सरकार से पूछा था कि रावत और मेहरात जाति को €या एसटी वर्ग में शामिल करने का विचार है। इस पर सरकार ने जवाब दिया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट की अनुशंसा के आधार पर 6 अगस्त 1994 को आदेश जारी कर रावत व मेहरात जाति को राज्य की अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मलित किया गया है।

सरकार की ओर से जवाब में बताया है कि प्रदेश में चार वर्गों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग में सम्मिलित जातियां निवास करती हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों की सूची सरकार के पास है। सामान्य वर्ग में सम्मिलित जातियों का राज्य सरकार की ओर से कोई सर्वे नहीं करवाया गया है। प्रदेश में एससी को 16 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 12, अन्य पिछड़ा वर्ग को 21, अति पिछड़ा वर्ग को 5 और आर्थिक कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।

किस वर्ग में कौन सी जाति

अनुसूचित जाति

अदि धर्मी, अहेरी, बागरी, बैरवा, बजगर, बलाई, बंसफोड़, बावरी, बारगी, बावरिया, बेड़िया (बेरिया), भांड, वाल्मिकी, बिदाकिया, बोला, भांभी, रेगर, मोची, चांदल, दबगर, धानुक, धानकिया, धोबी, ढोली, डोम, गंदिया, गांचा, गारो, गावरिया, गोधी, जीनगर, कालबेलिया, कामड़िया, कंजर, सांसी, खंगार, खटीक, कोली, कोरिया, मदारी, महर, मारू, मजहबी, मांग, मेघवाल, मेहर, नट, पासी, रावल, सालवी, सारभंगी, सिंगीवाला, थोरी, नायक, तिरगर, तूरी।

अनुसूचित जनजाति

भील, भील मीना, डामोर, धानका, गरासिया (राजपूत गरासिया को छोड़कर), काठोड़ी, कोकणा, कोलीधोर, मीना, नायका, पटेलिया, सहरिया।

पिछड़ा वर्ग

अहीर (यादव), बड़वा, भाट, राव, चारण, बागरिया, बंजारा, जांगिड़, भड़भूजा, छीपा, दमामी, दरोगा, रावणा राजपूत, दर्जी, धाकड़, कहार, मछुआरा, भिश्ती, गड़रिया, घोसी, गाडिय़ा लोहार, घांची, तेली, गिरी, दसनाम गोस्वामी, गूजर, गुर्जर, हेला, जणवा, खारड़िया (सीरवी), जुलाहा, जोगी, नाथ, कुशवाहा, शा€य, कलाल, कंडेरा, कलबी, पटेल, पाटीदार, आंजणा, कुलमी, खारोल, किरार, कु्हार, कुमावत, लखेरा, लोधा, पांचाल, फकीर, माली, मेहरात, लंगामंगनियार, मोग्या, नाई, ओड, पटवा, राईका, रैबारी, रावत, बैरागी, सतिया, सिकलीगर, सिरकीवाल, स्वर्णकार सुनार, सोनी, ठठेरा, तमोली जागरी, जाट, जट सिख, रायसिख, कसाई, दांगी, लोढेतंवर, सोंधिया, विश्नोई, मेव, गद्दी, फारूकी भटियारा, सिलावट, चेजारा, खेरवा, धोबी (मुस्लिम), कायमखानी, डार, सपेरा (गैर हिंदू जाति), मदारी, बाजीगर (गैर हिंदू जाति), नट (गैर हिंदू जाति), नागोरी (मुस्लिम), सिंधी मुसलमान, खेलदार, चूनगर, राठा, मल्तानीज, अनाथ बच्चे, मोची (गैर हिंदू जाति), देशवाली, कोतवाल, चोबदार, कागजी, बिसायती, क्बोज, इलाही, गर्ग ब्राह्मण, पुजारी सेवक, शोरगर, भोपा, उभयलिंगी (ट्रांसजेंडर), राजसमंद जिले की पांच तहसील कुंभलगढ़, नाथद्वारा, खमनोर, गढ़मोर एवं राजसमंद के नातरायत (करसा), राजपूत (खरवड़, चदाना, ऊंठड़, परमार, कडेचा, तलादरा, दिया, गुल, दषाणा)।

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