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Holi Special 2024 : राजस्थान में परम्पराओं को निभाने का खास ख्याल रखा जाता है। यहां कई ऐसी परम्पराएं है जो सदियों से निभाई जा रही है। राजस्थान के जालोर में लोक देवता इलोजी की भी अनोखी मान्यता और परंपरा है। हर साल होली से पहले लोक देवता इलोजी की अनोखी बारात परंपरागत रूप से निकाली जाती है, जिसमें शहर के सभी लोग बाराती बनते हैं। इलोजी की प्रतिमा को दूल्हे की तरह तैयार किया जाता है। दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर ,साफा भी बांधा जाता है। इलोजी धूमधाम से अपनी दुल्हन को लेने बारात लेकर जाते हैं। नाचते गाते सभी बाराती भक्त प्रह्लाद चौक पहुंचते हैं, उससे पहले ही दुल्हन की मौत हो जाती है। ऐसे में शादी नहीं हो पाती है। कहा जाता है कि इसके बाद इलोजी ने ताउम्र शादी ही नहीं की।
इसीलिए है ये परंपरा
राजस्थान में इलोजी लोक देवता के रूप में पूजे जाते हैं। इलोजी की कहानी कुछ ऐसी है कि वे होलिका से बेहद प्रेम करते थे। उनकी शादी हिरण्यकश्यप की बहन होलिका से होने वाली थी, लेकिन बारात पहुंचने से पहले ही होलिका प्रहलाद को जलाने के प्रयास में खुद ही जल गई। अपनी होने वाली पत्नी की मृत्यु के शोक में राजकुमार इलोजी पूरे जीवन कुंवारें ही रहे।
भगवान शंकर से वरदान
कहा जाता है कि इलोजी महाराज को भगवान शंकर से वरदान मिला हुआ है। ऐसी मान्यता है कि लोक देवता इलोजी की कुंवारे पुरुष और महिलाएं पूजा करते हैं तो मनोकामना पूरी हो जाती है।
Updated on:
20 Mar 2024 10:46 am
Published on:
20 Mar 2024 10:41 am
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