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तालमेल में झलक रहा युदृध कौशल और आपसी जुड़ाव

locationजयपुरPublished: Dec 20, 2018 01:40:15 am

Submitted by:

Ajay Sharma

भारत-रूस के वायुसैनिकों का संयुक्त युद्धाभ्यास अभियान का आज अंतिम दिन

jaipur

तालमेल में झलक रहा युदृध कौशल और आपसी जुड़ाव

जोधपुर. भारतीय और रूसी वायुसेना के बीच चल रहा संयुक्त युद्धाभ्यास एविइंद्रा-2018 गजब के तालमेल और आपसी जुड़ाव की कहानपी बयां करता हैं।रूसी सैनिक केवल रूसी भाषा जानते है ओर बोलते हैं। वहीं भारतीय वायुसैनिकों को रूसी भाषा कतई नहीं आती। बावजूद इसके वे गजब के तालमेल से युदृधक विमान उड़ा रहे हैं, बल्कि इशारों में एक—दूसरे को समझा भी रहे हैं।
संयुक्त युद्धाभ्यास एविइंद्रा-2018 का गुरुवार को अंतिम दिन है।
दुभाषिए की मदद
युद्धाभ्यास में रूसी पायलट भारतीय पायलट्स के साथ सुखोई-30 एमकेआई, मिग-27, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 और एमआई-17 वी—5 हेलीकॉप्टर उड़ा रहे हैं। रूसी वायुसैनिकों को लैंडिंग, टेकऑफ, बोम्बिंग, फ्लाइंग, जैसे शब्द सिखाए गए हैं जिससे कुछ मदद अवश्य मिल रही है। इसके अलावा अधिक बातचीत के लिए रूसी वायुसैनिक अपने साथ दुभाषिए को भी लेकर आए हैं जो रूसी व अंग्रेजी दोनों भाषा बोलता है।
एविइंद्रा में ये एयरक्राफ्ट शामिल

१ . रूस में हुए प्रथम चरण में: सुखोई-३० एसएम, सुखोई-२५, मिग-२९, एएन-२६ और एमआई-८ हेलीकॉप्टर
२. भारत में चल रहे दूसरे चरण में: सुखोई-३० एमकेआई, मिग-२७, एएन-३२ और एमआई-१७वी५ हेलीकॉप्टर
रूसी सैनिकों को भाया मिर्चीबड़ा

रूसी वायुसैनिकों का २८ सदस्य दल जोधपुर आया हुआ है। जिसमें पायलट, एडमिनिस्ट्रेटव ऑफिसर, एयरसेफ्टी ऑफिसर शामिल हैं। रूसी सैनिकों ने राजस्थानी संस्कृति को भी करीब से देख रहे हें। साथ ही व्यंजनों का भी स्वाद लिया। उन्हें जोधपुर का मिर्चीबड़ा काफी रास आया।
रूसी तकनीक का बेहतर इस्तेमाल कर रही है भारतीय सेना : सुसकोव
जोधपुर. युद्धाभ्यास में शामिल रूसी वायुसैनिक दल के प्रमुख और रूस में फोर्थ स्टेट टेस्टिंग एण्ड टे्रनिंग के कमाण्डर लेफ्टिनेंट जनरल यूरी सुसकोव ने कहा कि भारत ने रूसी वायुसेना की तकनीक का बेहतर उपयोग किया है। मिग श्रेणी के हों या सुखोई, भारतीय वायुसेना ने सभी एयरक्राफ्ट पर नियंत्रण और फ्लाइंग ऑपरेशन की शानदार तकनीक विकसित की है। सुसकोव ने बताया कि भारतीय व रूसी आकाश में फ्लाइंग ऑपरेशन का अलग-अलग अनुभव है।
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