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बजरी के अवैध खनन पर HC सख्त, कहा- निगरानी के लिए चैक पोस्टों पर लगाए जाएं CCTV कैमरे

locationजयपुरPublished: Jun 05, 2019 10:33:01 am

Submitted by:

santosh

Illegal Sand Mining- नदियों से बजरी या बालू के अवैध खनन पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि निगरानी के लिए चैक पोस्टों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।

Limestone transport at 1am at TP at 10 a.m.

illigal mining katni

जयपुर। Illegal Sand Mining- नदियों से बजरी या बालू के अवैध खनन पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि निगरानी के लिए चैक पोस्टों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस अधीक्षकों को सौंपी है, वहीं राज्य सरकार से बजरी खनन क्षेत्रों की नवम्बर 2017 से जुलाई 2019 तक की सैटेलाइट इमेज मांगी है। साथ ही, लीज की प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर राज्य सरकार, खान व गृह विभाग के अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

 

Hc on illegal sand mining

दोनों मामलों में सुनवाई 5 जुलाई को होगी। न्यायाधीश वीरेन्द्र सिंह सिराधना ने बजरी लीज एलओआइ धारकों की सोसायटी की दो अलग-अलग याचिकाओं पर यह आदेश दिए। कोर्ट ने जहां अवैध खनन को रोकने के लिए चैक पोस्टों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने व एसपी को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी है, वहीं लीज धारकों को खनन की अनुमति मामले में अब तक की कार्रवाई की जानकारी देने के लिए राज्य सरकार के ५ खान विभाग के संबंधित अधिकारी को हाजिर होने के निर्देश दिए हैं।

 

बजरी

अब तक नहीं मिली खनन की अनुमति
सोसायटी की एक याचिका में कहा गया कि नदियों में बजरी के पुनर्भरण संबंधी अध्ययन बिना सभी 82 लीज धारकों को खनन की अनुमति देने पर पाबंदी लगी हुई है, वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अवैध रूप से बजरी का खनन हो रहा है। दूसरी याचिका में कहा गया कि पर्यावरण मंत्रालय ने 19 प्रस्तावों पर विचार किया। इसके बावजूद अब तक खनन की अनुमति नहीं मिल पाई है।

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अफसरों से मांगा 5 जुलाई तक जवाब
अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार के प्रमुख खान सचिव, खान व भूगर्भ विज्ञान के निदेशक, एसीएस होम व डीजीपी को नोटिस जारी कर 5 जुलाई तक जवाब भी देने के लिए कहा है। अदालत ने निर्देश दिया कि आदेश की एक कॉपी आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रमुख खान सचिव व डीजीपी को भी भेजी जाए। इसके अलावा अदालत ने प्रार्थी सोसायटी की ओर से केन्द्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय की ओर से मांगी गई नदियों के पुनर्भरण के संबंध में दी गई रिपोर्ट पर भी कोई कार्रवाई नहीं करने पर जिम्मेदार अफसर को आगामी सुनवाई पर तलब किया है। अदालत ने उनसे पूछा है कि उन्होंने प्रार्थी सोसायटी की ओर से दी गई रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई।

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