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रेलवे बोर्ड ने मांगा रेल नीर का मुनाफा, IRCTC बोली- 14 साल से लाभ ही नहीं, गहराया विवाद

देशभर के रेलवे स्टेशन और ट्रेन में बिक रहे पैकेज्ड पानी रेल नीर की ब्रिक्री के लाभांश का भुगतान नहीं होने से रेलवे बोर्ड और इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन ( IRCTC ) के बीच विवाद बढ़ गया है।

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देवेंद्रसिंह राठौड़
जयपुर। देशभर के रेलवे स्टेशन और ट्रेन में बिक रहे पैकेज्ड पानी रेल नीर की ब्रिक्री के लाभांश का भुगतान नहीं होने से रेलवे बोर्ड और इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन ( IRCTC ) के बीच विवाद बढ़ गया है। रेलवे अधिकारियों की मानें तो रेल नीर की बिक्री के लाभांश का भुगतान नहीं कर आइआरसीटीसी हर साल करीब 10 करोड़ रुपए से अधिक की चपत लगा रहा है। हाल ही रेलवे बोर्ड ने कड़े शब्दों में आइआरसीटीसी के सीएमडी को पत्र लिख एमओयू के अनुसार 2007-08 से 2020-21 तक के लाभांश का 15 प्रतिशत हिस्सा भारतीय रेल को चुकाने की हिदायत दी। इससे पहले भी रेलवे बोर्ड पैसा चुकाने के लिए आइआरसीटीसी को पत्र लिख चुका है। लेकिन अब तक कंपनी ने कोई भुगतान नहीं किया।

फायदा छोड़ घाटे का अलापा राग
इधर, आइआरसीटीसी भुगतान नहीं करने के पीछे घाटे का राग अलाप रहा है। कंपनी के अनुसार 2007-08 से 2020-21 तक रेल नीर सहित विभागीय खानपान गतिविधियों में संचयी तौर पर नुकसान हुआ है। यह ब्योरा रेलवे बोर्ड को भेजा है। इसलिए 15 प्रतिशत लाभांश का भुगतान नहीं करना उचित है।

बोर्ड बोला- ब्रिकी का एकाधिकार दिया तो पैसा चुकाओ
रेलवे बोर्ड के पत्र में कहा गया है कि एमओयू के तहत रेल नीर विभागीय खानपान गतिविधियों का हिस्सा नहीं। यह विशिष्ट और स्वतंत्र गतिविधि है। रेलवे ने रेल नीर को बिक्री का एकाधिकार दिया है, जो अन्य किसी ब्रांड को नहीं है। इसलिए राजस्व लाभांश का भुगतान नहीं करने का कोई औचित्य नहीं है।

एमओयू में लाभांश की हिस्सेदारी
भारतीय रेलवे और आइआरसीटीसी के बीच वर्ष 2007-08 में रेल नीर सेगमेंट को लेकर करार हुआ। इसके तहत लाभ की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी रेलवे को अदा करनी थी। इसके बाद देशभर के रेलवे स्टेशन व ट्रेनों में रेलवे ने आइआरसीटीसी को रेल नीर बेचने की मंजूरी दी थी।

गत वर्ष बेचा 70 करोड़ का नीर
बकाया राशि के भुगतान को लेकर राजस्थान पत्रिका ने आइआरसीटीसी के अधिकारियों से संपर्क किया तो वे संतोषजनक जबाव नहीं दे पाए। उन्होंने रेल नीर से आइआरसीटीसी को 2020-21 में करीबन 70 करोड़ रुपए का टर्नओवर बताया। लेकिन लाभांश की राशि बताने से कतराते रहे। इधर, रेलवे अधिकारियों की मानें तो वित्तीय वर्ष 2007 से 2021 तक आइआरसीटीसी का कुल टर्नओवर करीब एक हजार करोड़ रहा है।