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जयपुर में 300 साल पुराना बरगद का पेड़ गिरा, बाल-बाल बचे लोग…मंदिर की दीवार ढही, घरों में आईं दरारें

राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ रोड स्थित मंदिर परिसर में 300 साल पुराना बरगद का पेड़ गिर गया। हादसे में चारदीवारी ढह गई, कई घरों में दरारें आईं और प्राचीन मूर्तियां टूट गईं। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।

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जयपुर

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Arvind Rao

Jul 27, 2025

Jaipur 300 year old banyan tree fell (all photo credit Raghuveer Singh)

Jaipur 300 year old banyan tree fell (all photo credit Raghuveer Singh)

जयपुर: नाहरगढ़ रोड स्थित बारह भाइयों के चौराहे के पास शुक्रवार देर रात एक बड़ा हादसा टल गया। यहां लगभग 300 साल पुराना बरगद का पेड़ मंदिर परिसर में गिर गया। घटना रात करीब डेढ़ बजे हुई।


किस्मत से उस वक्त कोई राहगीर या श्रद्धालु वहां मौजूद नहीं था, अन्यथा जनहानि हो सकती थी। पेड़ गिरने से मंदिर की चारदीवारी ढह गई और आसपास के कई मकानों को भी नुकसान पहुंचा। कुछ घरों में दरारें आ गईं।


मंदिर में स्थापित कई प्राचीन देवी-देवताओं की मूर्तियां भी टूट गईं। मौके पर पहुंची पुलिस ने रास्ता बंद कर दिया और शनिवार सुबह हैरिटेज नगर निगम की उद्यान शाखा ने पेड़ हटाने का काम शुरू किया। शनिवार शाम करीब पांच बजे तक यातायात बहाल हो सका।


धमाके जैसी आवाज, घरों की लाइट गुल


स्थानीय निवासी आशीष अग्रवाल ने बताया कि रात को अचानक जोरदार धमाके जैसी आवाज सुनाई दी, पहले लगा कि कहीं सिलेंडर फट गया है। देखते ही देखते पूरे इलाके की बिजली चली गई। बाहर निकलकर देखा तो विशालकाय डालियां घर के दरवाजे तक आ पहुंची थीं।


उन्होंने बताया, पूरी रात अंधेरे में गुजारनी पड़ी। गर्मी के चलते बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को परेशानी हुई। बिजली विभाग के कर्मचारी शाम तक तारों की मरम्मत करते रहे। बिजली आने पर लोगों ने राहत की सांस ली।


सुबह स्कूल-ऑफिस जाने में हुई परेशानी


स्थानीय निवासी पूनम शर्मा ने बताया, पेड़ गिरने से हमारे घर के आगे का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। सुबह बच्चों को स्कूल और हमें ऑफिस जाने में भारी दिक्कत आई। उन्होंने कहा कि चारदीवारी क्षेत्र में जर्जर इमारतें और कमजोर पेड़ बड़ी संख्या में हैं, जिनकी समय रहते जांच और देखभाल जरूरी है।


पुजारी बोले- यह पेड़ था मंदिर की पहचान


मंदिर के पुजारी अशोक पाराशर ने बताया कि यह बरगद करीब तीन सौ साल पुराना था। यह पेड़ मंदिर की पहचान था, लेकिन अब इसकी जड़ें कमजोर हो गई थीं। इससे कई मूर्तियां भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं।