राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम की ओर से निर्मित जयपुर भीलवाड़ा मेगा हाईवे की सड़क जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होकर गड्ढों में तब्दील हो रही है। आए दिन हादसे हो रहे हैं लेकिन इसके बाद भी सड़क दुरुस्त नहीं की जा रही। टोल प्रबंधन एवं सड़क की देखरेख करने वाले अधिकारियों को लोगों की सुविधाओं से कोई सरोकार नहीं है। हर दिन लाखों रुपए की टोल वसूली के बावजूद सुविधाओं का टोटा है।
ना सुविधाघर ना पेयजल
सांगानेर से भीलवाड़ा तक चौपहिया व भारी वाहनों से करीब 500 से 700 रुपए तक टोल वसूला जा रहा है। सड़क पर पैचवर्क के बाद भी जगह-जगह गड्ढे हो रहे हैं जिससे हादसों का अंदेशा बना रहता है। सड़क किनारे गंदगी से भरी नालियों पर फेरोकवर तक नहीं है जिससे रात के अंधेरे में कभी भी हादसा हो सकता है। टोल पर लगी कई लाइट बंद पड़ी हैं। वहीं सुविधाघर के अभाव में भी वाहन चालक परेशान रहते हैं। वहीं पेयजल का कोई इंतजाम नहीं है। टोल कंपनी की ओर से बनाया बस स्टैंड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। हालात ये हैं कि बस स्टैंड केबिन में पेड़ उग गए हैं। ज्ञात रहे कि हर साल टोल की दरें बढ़ाई जा रही हैं वहीं सुविधाएं कम होती जा रही है। ऐसे में वाहन चालक खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। टोल कंपनी लापरवाह है। कई बार अवगत कराने के बाद वाहन चालकों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा। क्षतिग्रस्त सड़क की मरमत नहीं हो रही है। नालियों के टूटे फेरोकवरों को नहीं लगाया जा रहा।
संजय बुनकर, सरपंच रेनवाल मांजी रेनवाल मांजी से फागी तक जगह-जगह डामर उखड़ी हुई है। टोल कंपनी ने पहाड़िया मोड़ से मुय बस स्टैंड रेनवाल मांजी में नाली निर्माण करवाया था जो क्षतिग्रस्त हो चुका है। कई बार अवगत कराने बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
हरिनारायण मांड्या, पूर्व सरपंच