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जयपुर में बच्ची से बलात्कार के प्रयास का आरोपी गिरफ्तार, मासूम अब भी डरी-सहमी, स्कूलों की सुरक्षा पर उठे सवाल

जयपुर के निजी स्कूल में बच्ची से बलात्कार के प्रयास मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में खुलासा हुआ कि उसने एक साल पहले भी स्कूल से मोटर चोरी की थी। घटना से अभिभावक आक्रोशित हैं।

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जयपुर

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Arvind Rao

Oct 14, 2025

Jaipur Gandhinagar School Girl Rape

आरोपी गिरफ्तार (फोटो- पत्रिका)

जयपुर: गांधी नगर थाना पुलिस ने स्कूल की दीवार फांदकर बच्ची से बलात्कार का प्रयास करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने एक साल पहले भी स्कूल से मोटर चोरी की थी।


एसीपी (गांधीनगर) नारायण बाजिया ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अनिल सैनी (35) झालाना डूंगरी का निवासी है। घटना के बाद बच्ची डरी-सहमी है। सात वर्षीय यह बच्ची झालाना स्थित एक निजी स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ती है।


बता दें कि घटना 11 अक्टूबर की है। बच्ची रोज की तरह स्कूल गई थी। करीब दस बजे वह वॉशरूम गई, तभी पास की दीवार फांदकर आरोपी अनिल सैनी स्कूल में घुस आया और बच्ची को गलत तरीके से छूने लगा। बच्ची के विरोध करने पर उसने ज्यादती का प्रयास किया। बच्ची के रोने पर शिक्षक मौके पर पहुंचे, तब तक आरोपी दीवार फांदकर भाग गया।


पॉ€क्सो ए€क्ट में मामला दर्ज


बच्ची से घटना की जानकारी मिलने पर परिजन थाने पहुंचे और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया। शिक्षकों और स्कूल स्टॉफ ने आसपास पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी पास के इलाके में ही रहता है। पुलिस ने कुछ घंटों में ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।


स्कूलों की सुरक्षा पर सवाल


इस घटना ने स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिस तरह से एक बाहरी व्यक्ति आसानी से स्कूल की दीवार फांदकर अंदर घुस गया, वह बेहद चिंताजनक है। अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे, गार्ड और दीवारों की ऊंचाई बढ़ाने जैसे उपाय शामिल हैं।


ऐसे आरोपी…विकृत मानसिकता के शिकार


मनोचिकित्सक डॉ. अनिता गौतम ने बताया कि बच्चों से दुर्व्यवहार और छेड़छाड़ करने वाले लोग विकृत मानसिकता के शिकार होते हैं। ऐसे मामलों में अधिकतर आरोपी बच्चों के जानकार या रिश्तेदार होते हैं, जिससे बच्चे डर जाते हैं और अपनी बात कह नहीं पाते।


उन्हें लगता है कि माता-पिता विश्वास नहीं करेंगे। कमजोर वि€क्टिम होने के कारण आरोपी बच्चों को निशाना बनाते हैं और उन्हें धमकाकर चुप करा देते हैं। अभिभावकों को बच्चों से खुलकर बात करनी चाहिए और उनका भरोसा जीतना चाहिए ताकि वह अपनी बात कह पाएं।