
राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच बढ़ती बिजली की डिमांड ने बिजली कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है। पिछले एक पखवाड़े में बिजली खपत में 500 लाख यूनिट से ज्यादा बढ़ोतरी हुई। पहले हर दिन 2593 लाख यूनिट बिजली की खपत हो रही थी, जो अब बढ़कर 3100 लाख यूनिट को पार कर गई है। अगले एक से डेढ़ माह के बीच यह आंकड़ा 3800 लाख यूनिट के पार पहुंचने का आकलन किया गया है। इस डिमांड को पूरा करने में ऊर्जा विकास निगम के हाथ पैर फूल रहे हैं।
बिजली खरीदने के लिए शॉर्ट टर्म टेंडर करने से लेकर एक्सचेंज से व्यवस्था का प्लान तैयार किया गया है। अफसरों का कहना है कि इस बार 6000 मेगावाट औसत बिजली की मांग रहने का अनुमान है। जबकि, पीक डिमांड 17500 मेगावाट तक पहुंच सकती है। उधर, निगम का दावा है कि अभी किसी भी जगह कटौती की नौबत नहीं आई है, लेकिन जनता को दिन में कई बार बिजली गुल की दिक्कतों से रूबरू होना पड़ रहा है।
बिजली डिमांड बढ़ने के बीच परेशानी की बात यह है कि 1760 मेगावाट क्षमता की चार यूनिट से बिजली उत्पादन ठप हो गया है। इनमें राज्य विद्युत उत्पादन निगम की सूरतगढ़ व छबड़ा की तीन यूनिट से 1160 मेगावाट और अदानी के पावर प्लांट की 600 मेगावाट की एक यूनिट शामिल है। उत्पादन निगम के तमाम दावे के बावजूद उनके प्लांट से अभी उतनी बिजली नहीं मिल पा रही, जितनी ऊर्जा विकास निगम को अपेक्षित थी।
सुबह 6 से 9 और शाम 7 से रात 11 बजे तक अधिक डिमांड रहती है। इन पीक आवर्स में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। क्योंकि, पिछले कुछ वर्षों से इसी दौरान बिजली कटौती की नौबत आती रही है। 1200 से 1500 मेगावाट तक बिजली की कमी रही। औद्योगिक इकाइयों पर ज्यादा मार पड़ी।
बिजली कंपनियों में मई माह में अनुमानित मांग की तुलना में उपलब्धता कम होने पर बिजली संकट बढ़ने का अंदेशा है। मई में 3788 लाख यूनिट की मांग का अनुमान है जबकि बिजली उपलब्धता महज 3663 लाख यूनिट का आकलन है। वहीं जून में 3831 लाख यूनिट की डिमांड की संभावना है। जबकि बिजली की उपलब्धता 3722 लाख यूनिट आंकी गई है।
Updated on:
26 Apr 2025 09:34 am
Published on:
26 Apr 2025 06:51 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
