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जयपुर अग्निकांड: 14 मौतों के बाद हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, भजनलाल सरकार को नोटिस जारी कर मांगा ये जवाब

Jaipur Fire Incident: जयपुर के भांकरोटा क्षेत्र में शुक्रवार को हुए भीषण अग्निकांड में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 27 घायलों का इलाज SMS अस्पताल में जारी है।

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Jaipur fire incident

Jaipur Fire Incident: जयपुर के भांकरोटा क्षेत्र में शुक्रवार को हुए भीषण अग्निकांड में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 27 घायलों का इलाज SMS अस्पताल में जारी है। इनमें से 25 लोग 80 फीसदी से अधिक झुलसे हुए हैं और 7 मरीजों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। अस्पताला प्रशासन के मुताबिक 7 घायलों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। वहीं, अस्पताल में लाए गए 5 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है।

हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

राजस्थान हाईकोर्ट ने इस दर्दनाक हादसे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस अनूप कुमार की एकलपीठ ने निर्देश दिया कि पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। कोर्ट ने भारत सरकार, पेट्रोलियम मंत्रालय, राज्य के मुख्य सचिव, और आपदा प्रबंधन विभाग को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

हाईकोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि ज्वलनशील पदार्थों के गोदाम और खतरनाक फैक्ट्रियां शहरी क्षेत्र से बाहर क्यों नहीं की गईं। पेट्रोलियम सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने इस मामले की आगे की सुनवाई के लिए इसे खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं।

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CM ने ली सड़क सुरक्षा के लिए बैठक

इस घटना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पर सुरक्षा उपायों की समीक्षा का दबाव बढ़ गया है। जयपुर पुलिस कमिश्नर ने हादसे की गहराई से जांच के लिए SIT का गठन किया है। वहीं, सीएम भजनलाल शर्मा ने भी आज सड़क सुरक्षा, यातायात व्यवस्था एवं दुर्घटना नियंत्रण के लिए आज मुख्यमंत्री निवास पर अधिकारियों के साथ बैठक ली है।

इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को सभी जिलों में विशेष सड़क सुरक्षा अभियान चलाते हुए ब्लैक स्पॉट्स के चिन्हीकरण एवं उनके समुचित निवारण हेतु विशेष निर्देश प्रदान किए। साथ ही सड़क निर्माण और मरम्मत के कार्यों में निर्धारित मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने तथा सभी जिलों में परिवहन विभाग के उड़नदस्तों का गठन करके अनफिट एवं बिना परमिट के वाहनों, ओवरलोडेड वाहनों के खिलाफ सघन कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं।

स्थानीय प्रशासन पर उठे सवाल

यह हादसा प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा माना जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने पहले भी इस क्षेत्र में यू-टर्न और यातायात के खतरों की शिकायत की थी, लेकिन समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बता दें, हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद उम्मीद है कि इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई होगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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DCP वेस्ट के नेतृत्व में होगी जांच

जयपुर पुलिस कमिश्नर ने इस मामले की गहराई से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी का नेतृत्व डीसीपी वेस्ट अमित कुमार करेंगे। इस जांच टीम का उद्देश्य हादसे के कारणों का पता लगाना और लापरवाही की हर कड़ी की जांच करना है। साथ ही जिला कलेक्टर द्वारा गठित एक अलग समिति भी हादसे की जांच कर रही है। यह समिति सोमवार को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

CCTV में सामने आई थी हादसे की वजह

गौरतलब है कि CCTV फुटेज से घटना का कारण सामने आए थे। फुटेज के मुताबिक, अजमेर से जयपुर आ रहा एक LPG टैंकर भांकरोटा के पास दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने यू-टर्न ले रहा था। इसी दौरान जयपुर की ओर से आ रहे ट्रक ने टैंकर के नोजल में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर के बाद टैंकर से 18 टन गैस का रिसाव हुआ, जिससे 500 मीटर का क्षेत्र गैस चैंबर में बदल गया।

इसके कुछ ही सेकंड बाद, एक भीषण धमाका हुआ और आग तेजी से आसपास की गाड़ियों तक फैल गई। धमाके की चपेट में आने से मौके पर कई गाड़ियां जल गईं, जिनमें 29 ट्रक, 2 यात्री बसें, 3 कारें, और कई अन्य वाहन शामिल हैं।

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