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निलंबित होकर भी महापौर मुनेश गुर्जर ने बनाया रेकॉर्ड, जानें पूरा मामला

तीसरी बार महापौर मुनेश गुर्जर निलंबित, लम्बी जद्दोजहद के बाद जयपुर हेरिटेज निगम महापौर को सरकार ने किया निलंबित, विधि विभाग को सौंपी जांच, सदस्यता खत्म होने पर भी लटकी तलवार

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munesh gurjar

राजस्थान सरकार ने लम्बी जदृोजहद के बाद सोमवार को हैरिटेज नगर निगम जयपुर महापौर मुनेश गुर्जर (बतौर वार्ड नं. 43 पार्षद सदस्य भी) को निलंबित कर दिया। गुर्जर को प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार (रिश्वत मामला) में लिप्त होने का दोषी माना है। स्वायत्त शासन मंत्री के स्वीकृति के बाद स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने निलंबित करने के आदेश जारी किए।

इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। इसे भाजपा सरकार द्वारा शहरी सरकार में बड़े बदलाव की तरफ बढ़ाए गए पहले कदम की तरह देखा जा रहा है। निगम में अभी कांग्रेस का बोर्ड है। 13 माह के कार्यकाल में गुर्जर तीसरी बार निलंबित की गई है। संभवत: मुनेश पहली ऐसी महापौर है जो 13 महीने में तीसरी बार निलंबित की गई है। इस बीच विभाग ने कार्यवाहक महापौर के लिए फाइल मंत्री झाबर सिंह खर्रा के पास भेज दी है।

उधर, कांग्रेस पार्षदों का एक धड़ा फिर से भाजपा के संपर्क में आ गया। सूत्रों के मुताबिक ऐसे दस पार्षद भाजपा को समर्थन दे सकते हैं। ऐसा हुआ तो कांग्रेस बोर्ड को हटाकर भाजपा बोर्ड बन सकता है। गौरतलब है कि मुनेश गुर्जर ने एसीबी की चार्जशीट को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अगली सुनवाई नवम्बर में है।

तीसरी बार निलंबन

तीसरा मौका है, जब मुनेश गुर्जर को निलंबित किया गया है। इससे पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 5 अगस्त 2023 और फिर 26 सितंबर, 2023 को निलंबित किया था। हालांकि दोनों बार गुर्जर ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां से उनको राहत मिली और वापिस महापौर की कुर्सी पर बैठी।