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Vijayadashami : रावण का आया एक और नया रूप: जलकर मर जाऊंगा, लेकिन भीगकर गलूंगा नहीं, क्योंकि मैं “रावण हूं, रावण” !

Vijayadashami : अब रावण का एक और नया रूप सामने आने लगा है। रावण को भले ही जलाकर मारा जाता है,लेकिन तेज बारिश में भी अब रावण गलकर गिरेगा नहीं। इसका कारण है कि अब बाजार में रावण के पुतले... ।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Oct 11, 2024

जयपुर। दशहरे पर रावण के कई रूप देखने को मिलते हैं। दशानन को जलाने के लिए कहीं छोटा तो कहीं बड़ा रावण के पुतले नजर आते हैं। लेकिन अब रावण का एक और नया रूप सामने आने लगा है। रावण को भले ही जलाकर मारा जाता है,लेकिन तेज बारिश में भी अब रावण गलकर गिरेगा नहीं। इसका कारण है कि अब बाजार में रावण के पुतले वाटरफ्रूप आने लगे हैं।
दरअसल पिछले कुछ वर्षों से कभी-कभी दशहरे से पहले या दशहरे वाले दिन बारिश का मौसम बना रहता है। इस कारण रावण का पुतला भीग जाता है। इससे रावण के पुतले को जलाने में काफी परेशानी आती है। इस कारण अब कुछ जगह वाटरफ्रूप रावण के पुतले भी बनने लगे हैं

जयपुर में भी बने हैं वाटरफ्रूप रावण के पुतले
विजयादशमी (12 अक्टूबर) पर असत्य पर सत्य की जीत में इस बार बारिश बाधा नहीं बन पाएगी। पिछले कुछ वर्षों के अनुभवों के चलते शहर में रावण मंडी सहित अन्य स्थानों पर कारीगरों ने रावण और उसके कुनबे के वाटरप्रूफ पुतले तैयार किए हैं। इनमें चमकदार मुंह और लंबी मूंछ के साथ ही थ्रीडी रावण का पुतला भी खास है। रावण का पुतला डायलॉग भी बोलता नजर आएगा। मानसरोवर मे स्टेशन, किसान धर्म कांटा स्थित रावण मंडी में दशानन, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों की खरीदारी के लिए सुबह से शाम तक लोगों की आवाजाही जारी है। मध्यप्रदेश और गुजरात सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों के कारीगर तीन माह से यहां रावण और उसके कुनबे के पुतले तैयार कर रहे हैं।

चकरी वाला पुतला होगा आकर्षण का केंद्र
जयपुर में इस बार 81 फीट ऊंचा रावण का घूमने वाला पुतला तैयार किया गया है। इसके सिर-पैर की लंबाई करीब 25 फीट है। इसे राजस्थानी पगड़ी और सफेद धोती कुर्ता पहनाया जाएगा। लंबी मूंछों और चमकदार मुंह के साथ ही आंखों में रोशनी भी दिखेगी। करीब एक लाख कीमत वाले इस पुतले को आठ हिस्सों में तैयार किया है। ऐसे पुतले लूणकरणसर, अजमेर और चौमूं भेजे गए हैं। कारीगर रामू जोगी ने बताया कि शहर में 15 हजार से अधिक पुतले तैयार किए गए हैं। बीते साल इनकी संख्या करीब 25 हजार थी। इस बार छह इंच से लेकर 41 फीट के पुतलों की सबसे ज्यादा मांग है। इस साल रावण के पुतले का कद घटा है। गत वर्ष 75 से 80 फीट के पुतले के दाम 50,000 रुपए थे, उसकी कीमत इस वर्ष 70 हजार रुपए तक है। इसकी मुख्य वजह बांस सहित अन्य सामान का महंगा होना है।

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