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जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भर्ती दिव्यांग किशोरी लापता, जिम्मेदारों ने नहीं उठाया फोन, जानें पूरा मामला

Jaipur News : जयपुर के जेके लॉन हॉस्पिटल में भर्ती जामडोली स्थित राजकीय बौद्धिक दिव्यांग गृह की एक किशोरी (13 वर्ष) शनिवार सुबह लापता हो गई। जब जिम्मेदारों का इस बारे में फोन किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। जानें पूरी खबर।

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Jaipur JK Lone Hospital Admitted Divyang Dirl Missing Authorities did not Pick up Phone

जामडोली, बौद्धिक दिव्यांग गृह (फोटो पत्रिका)

Jaipur News : जयपुर के जामडोली स्थित राजकीय बौद्धिक दिव्यांग गृह की एक किशोरी शनिवार सुबह लापता हो गई। किशोरी (13 वर्ष) जेके लॉन हॉस्पिटल में भर्ती थी। एसएमएस थाना पुलिस पीड़िता को तलाश रही है। मामले में केयर टेकर की लापरवाही सामने आई है।

पुलिस ने बताया कि मानसिक दिव्यांग किशोरी एनीमिया समेत कई बीमारियों से पीड़ित थी। थानाधिकारी धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि पीड़िता को तलाशने के लिए कई टीमें लगाई हैं, सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी पीड़िता का कोई ताजा फोटो तक पुलिस को उपलब्ध नहीं करवा पाए। बताया जा रहा कि जिस समय किशोरी लापता हुई, उस समय उसका ध्यान रखने के लिए नियुक्त केयर टेकर सो रही थी।

दोनों जिम्मेदारों ने नहीं उठाया फोन

उधर, किशोरी के लापता होने के मामले में विशेष योग्यजन निदेशालय आयुक्त बचनेश अग्रवाल, एसीएस कुलदीप रांका से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन दोनों ने फोन नहीं उठाया।

380 दिव्यांग बच्चे भगवान भरोसे…अधीक्षक ही नहीं

राजकीय बौद्धिक दिव्यांग गृह में फिलहाल 380 दिव्यांग बच्चे रह रहे हैं जो भगवान भरोसे बताए जाते हैं। जामडोली स्थित राजकीय बौद्धिक दिव्यांग गृह में अधीक्षक नहीं होने से बिजली बिल और ठेकेदारों का भुगतान, यहां तक की कर्मचारियों की सैलरी समेत अन्य प्रशासनिक कामकाज ठप हैं। दानदाताओं तक को परिसर में अंदर जाने की अनुमति देने वाला कोई नहीं है। यहां कार्यरत महिला विंग अधीक्षक को 26 दिन पूर्व सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं पुरुष विंग अधीक्षक को 11 दिन पूर्व एपीओ कर दिया गया। दोनों विंग का चार्ज अन्य दो अधिकारियों को दे दिया, लेकिन दोनों ने ही ज्वॉइन नहीं किया।

जिम्मेदारों के बिना छोड़ना घातक

यहां रहने वाले काफी बच्चे मानसिक के अलावा शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। वे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसी संवेदनशील संस्था को एक पल भी जिम्मेदारों के बिना छोड़ना घातक साबित हो सकता है। जिम्मेदारों को जल्द से जल्द अधिकारी नियुक्त करने चाहिए।
हेमंत गोयल, अध्यक्ष, दिव्यांग अधिकार महासंघ

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