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चलते- चलते अचानक बीच सड़क पर रुकी लो-फ्लोर, सवारियों की फूली सांसें

राजधानी में आए दिन लो-फ्लोर खराब होने से बढ़ रही लोगों की परेशनी

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जयपुर

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Rajesh

Apr 04, 2018

jaipur lo flour

जयपुर

राजधानी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के दावों के बीच शहर की सड़कों पर उतारी गई लो-फ्लोर बसें अब लोगों के लिए दिन पर दिन परेशानी का कारण बनती जा रही हैं। अब लगातार लो-फ्लोर बसों को लेकर सवाल उठते जा रहे हैं। चाहे दुर्घटना का जिक्र हो या आर्थिक नुकसान का। ज्यादातर लो-फ्लोर बसें पूरी तरह से खटारा हो चुकी हैं और वे चलने की स्थिति में नहीं हैं।

लो फ्लोर बस परकोटा में मुसीबत से कम नहीं हैं। बुधवार को रामगढ़ मोड़ पर एक लो-फ्लोर बस बीच सडक़ पर खराब हो गई। जिसके चलते यात्रियों के साथ-साथ राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो बस में यात्रियों की अच्छी खासी संख्या थी। ऐसे में सभी यात्री अन्य बसों के माध्यम से रवाना हुए।

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परकोटा में लो-फ्लोर बसों के खराब होने का यह कोई पहला मामला नहीं है। कभी किशनपोल बाजार में तो कभी हवामहल रोड पर खराब लो-फ्लोर बसों को देखा जा सकता है। वहीं जेसीटीएसएल के अधिकारियों की मानें तो कंडम बसों को हटा दिया गया है। अभी परकोटा में 26 लो-फ्लोर बसों का संचालन हो रहा है। इनकी स्थिति अच्छी है।

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जेसीटीएसएल अधिकारियों का कहना है कि जो लो-फ्लोर बसें खटारा हो चुकी हैं। उन्हें चलाने के लिए सालाना प्रति बस करीबन 6 लाख रुपए मेंटिनेंस खर्च होता है। इसके बावजूद हर रोज 8-10 लो-फ्लोर बसें खराब होकर गैराज पहुंच रही हैं। और वहीं दूसरी तरफ बस चाहें कितनी नहीं नहीं क्यों न हो लो - फ्लोर बसें बहुत ज्यादा धुआं छोड़ती हैं जिससे आम जनता को सांस लेने में काफी परेशानियां होती हैं।