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ऐसा क्या देखा महापौर ने कि उनको अपने मोबाइल फोन में तस्वीर खींचनी पड़ी

हाल-ए-स्मार्ट सिटी: न जनता खुश न जनप्रतिनिधि, फिर काम किसके लिए

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ऐसा क्या दिखा महापौर कि उनको अपने मोबाइल फोन में तस्वीर खींचनी पड़ी

अश्विनी भदौरिया/जयपुर.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हो रहे विकास कार्यों से न तो जनता खुश है और न ही जन प्रतिनिधि, फिर ये सवाल उठता है कि ये काम किसके लिए हो रहे हैं? मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सरकारी मशीनरी पर सितम्बर तक चल रहे प्रोजेक्ट को पूरा करने का दबाव है। इसी के तहत महापौर अशोक लाहौटी स्मार्ट सिटी के कार्यों का जायजा लेने के लिए त्रिपोलिया बाजार पहुंचे। यहां पर बरामदे के सामने झूलते बिजली के तारों को देखने के बाद उन्होंने निगम अधिकारियों को फटकार लगाई। अव्यवस्थित विद्युत तारों को अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया। आधे-अधूरे मकानों पर फसाड़ वर्क देख उन्होंने कहा कि यह काम अधूरा क्यों छोड़ा है? जिम्मेदारों ने कहा-टेंडर अटका है। इस पर माहपौर ने कहा कि काम समय पर पूरा नहीं हुआ तो जवाब देते नहीं बनेगा। बाजार में निरीक्षण के दौरान उन्होंने व्यापारियों से बरामदे में से अतिक्रमण हटाने की बात कही।

सड़क स्मार्ट हो फिर बात आगे बढ़े
किशनपोल बाजार में स्मार्ट सिटी के तहत सड़क बनाने का काम चल रहा है। ४५ दिन के लिए जो रास्ता बंद किया गया था वो अब तक चालू नहीं किया गया है, जबकि ४५ दिन बीते हुए एक माह और हो गया है। स्मार्ट सड़क बने उसके बाद और काम हों। हालांकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारी इस देरी की वजह जलदाय विभाग पर डालते हैं। इतना ही नहीं, यहां पर अब तक पूरा नहीं हुआ और चांदपोल बाजार की सड़क तोडऩे की तैयारी की जा चुकी है।

खास-खास
-परकोटा के नौ बाजारों में फसाड़ वर्क का काम चल रहा है। सितम्बर तक खत्म कैसे होगा? इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
-सभी बाजारों में एक साथ काम शुरू होने की वजह से दिक्कत हो रही है। स्थिति यह है कि अब तक किसी भी बाजार में फसाड़ वर्क नहीं हो पाया है।
-हैरिटेज लुक में लगाई गईं लाइटों का १५ अगस्त को मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया था, लेकिन कई बाजारों में ये बंद तक हो चुकी हैं।

कहीं जनता नाराज तो कहीं जनप्रतिनिधि
-किशनपोल बाजार में जब स्मार्ट सिटी का काम शुरू हो हुआ तो पहले स्थानीय लोगों से लेकर क्षेत्रीय विधायक विरोध में उतरे।
-जौहरी बाजार में सूर्यवंशी लाइटों को हटाने के दौरान विरोध हुआ तो स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने फैसला वापस लिया।
-चौड़ा रास्ता में सजावटी लाइटों और नाइट बाजार का स्थानीय लोगों ने विरोध किया।

फैक्ट फाइल
-2401 करोड़ रुपए का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट है
-150 करोड़ रुपए से अधिक काम अब तक हो चुका है पूरा
-100 करोड़ रुपए से अधिक का काम अभी चल रहा है