
जयपुर कचरे से बिजली बनाने का इंतजार अब खत्म होने को है। इस महीने ट्रायल के तौर पर बिजली बनाई जाएगी और अगले वर्ष कचरे से बिजली का उत्पादन नियमित रूप से शुरू हो जाएगा। हर दिन 15 मेगावाट बिजली बनेगी। शुक्रवार को वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट का हैरिटेज निगम मुख्यालय में एमओयू हुआ। इस पर हैरिटेज निगम आयुक्त अरुण कुमार हसीजा और जिंदल अर्बन वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए। कंपनी वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट पर लगभग 350 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इसके लिए भारत सरकार के पावर फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड से 192 करोड़ रुपए का ऋण भी मिलेगा।
वहीं, प्लांट शुरू होने के बाद जिंदल ग्रुप की ओर से हैरिटेज निगम को प्रति टन के 66 रुपए दिए जाएंगे। ऐसे में महीने भर का हैरिटेज निगम को करीब 20 लाख रुपए का राजस्व भी मिलेगा। प्लांट संचालन के लिए प्रतिदिन निगम को एक हजार टन कचरा रोज देना होगा।
प्लांट का संचालन शुरू होने के साथ निगम को रॉयल्टी भी मिलेगी। 20 लाख रुपए प्रति माह का राजस्व निगम को कचरा बेचने से मिलेगा। इसी महीने कम्पनी ट्रायल करेगी और इस वित्तीय वर्ष में इसे शुरू कर दिया जाएगा। -अरुण कुमार हसीजा, आयुक्त, हैरिटेज निगम
इस एमओयू से राजधानी जयपुर में बन रहे कचरे के पहाड़ खत्म होने की उम्मीद है। राजधानी के लांगड़ियावास, मथुरादासपुरा और सेवापुरा में कचरे के पहाड़ बनते जा रहे हैं। कचरे से बिजली बनने की प्रक्रिया शुरू होने पर पहाड़ खत्म होने की उम्मीद है।
कार्यवाहक महापौर कुसुम यादव ने कहा कि मेरे पास कोई फाइल नहीं आई है। जो एमओयू हुआ है, वो मेरे संज्ञान में नहीं है। वहीं, आयुक्त का कहना है कि इस मामले को लेकर महापौर से फोन पर बातचीत हुई थी।
Published on:
07 Dec 2024 09:59 am
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