
Jaipur New Gram Panchayats: राजस्थान में पंचायत चुनावों की तैयारी के चलते जयपुर जिले में ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों का बड़ा पुनर्गठन किया गया है। 144 नई ग्राम पंचायतों और 4 नई पंचायत समितियों के गठन की अधिसूचना जारी की गई है, जबकि 9 पुरानी पंचायतों को समाप्त कर दिया गया है। इसके साथ ही अब जिले में कुल 601 ग्राम पंचायतें और 23 पंचायत समितियां प्रस्तावित की गई हैं।
जिला कलेक्टर कार्यालय ने नए पुनर्गठन का प्रारूप जारी कर आमजन से 6 मई तक सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। यह कवायद पंचायतीराज व्यवस्था को अधिक प्रभावी और प्रशासन को जमीनी स्तर तक मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
जिला परिषद से नवगठित कोटपूतली जिले को अलग किए जाने के बाद जयपुर जिले के पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी की गई। इस प्रक्रिया में निम्न 4 नई पंचायत समितियों का गठन प्रस्तावित है। पहली, गोविंदगढ़ पंचायत समिति से अलग होकर चौमूं पंचायत समिति, दूसरी, शाहपुरा पंचायत समिति से अलग होकर अमरसर पंचायत समिति, तीसरी, जालसू पंचायत समिति से अलग होकर रामपुरा डाबड़ी पंचायत समिति और चोथी, बस्सी-तूंगा पंचायत समिति से अलग होकर बांसखो पंचायत समिति के गठन का प्रस्ताव आया है।
प्रस्ताव के अनुसार, पंचायत समिति गोविंदगढ़ में सबसे अधिक 59 ग्राम पंचायतें होंगी, जबकि सबसे कम झोटवाड़ा में मात्र 19 ग्राम पंचायतें प्रस्तावित की गई हैं। यह विभाजन भौगोलिक, जनसंख्या और प्रशासनिक दृष्टिकोण से किया गया है ताकि प्रत्येक पंचायत स्तर पर प्रशासन की पहुंच और योजनाओं का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंच सके।
बता दें, गोविंदगढ़ पंचायत समिति में 59 ग्राम पंचायतें, झोटावाड़ा पंचायत समिति में सबसे कम 19 ग्राम पंचायतें, जालसू पंचायत समिति में 46, शाहपुरा में 40, सांगानेर में 23, जमवारामगढ़ में 40, आंधी में 34, किशनगढ़-रेनवाल में 28, जोबनेर में 27, माधोराजपुरा में 26, फागी में 26, दूदू में 25, मौजमाबाद में 27, बस्सी में 39, तूंगा में 31, आमेर में 26, सांभरलेक में 26, कोटखावदा में 30 और चाकसू में 29 ग्राम पंचायतें है।
6 मई 2025: प्रारूप पर आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि
7 से 13 मई: आपत्तियों का निस्तारण
14 से 20 मई: अंतिम प्रस्ताव राज्य सरकार को प्रेषित
21 मई से 4 जून: राज्य सरकार द्वारा अनुमोदन की प्रक्रिया
4 जून 2025: तक यह पुनर्गठन पूर्ण कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि राजस्थान में पंचायतों के परिसीमन और पुनर्गठन को लेकर सियासी बहस भी तेज़ हो गई है। विपक्षी दलों के नेता भजनलाल सरकार और परिसीमन करने वाली समीति के सदस्यों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस के नेता इसे बीजेपी सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश बता रहे हैं, वहीं सरकार का कहना है कि यह निर्णय जनहित में और सुशासन को मजबूत करने के लिए लिया गया है।
Published on:
08 Apr 2025 11:31 am
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