
पटवारी नरेंद्र मीणा और दलाल विकास शर्मा (फोटो- पत्रिका)
जयपुर: हाथोज के चंपापुरा निवासी पटवारी नरेंद्र मीणा का दूसरे दिन सोमवार को भी पता नहीं चल सका है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से बचने के लिए भागा आरोपी पटवारी नरेंद्र ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया है। घर और रिश्तेदारों के यहां भी नहीं पहुंचा।
पटवारी अपने भाइयों के साथ पुश्तैनी मकान में रह रहा था। एसीबी को सर्च में पटवारी के घर में कोई खास संपत्ति नहीं मिली। एसीबी को आशंका है कि आरोपी पटवारी ने रिश्वत की रकम अन्य जगह ठिकाने लगा रखी है। भूखंड खरीदने की भी आशंका जताई गई।
हालांकि, इसकी पुष्टि पटवारी के पकड़े जाने और दस्तावेज मिलने के बाद होगी। ट्रैप की कार्रवाई करने वाले एएसपी संदीप सारस्वत ने बताया कि परिवादी को पटवारी ने धमकी दी। परिवादी ने एसीबी को बताया कि काम नहीं करने का उलाहना देने पर पटवारी नरेंद्र ने कहा कि उसका 16 सीसी की चार्जशीट कुछ नहीं बिगाड़ सकी तो तुम क्या चीज हो।
चार्जशीट के संबंध में उसका सर्विस रिकॉर्ड निकलवाया जाएगा। इससे तय हो सके कि उसको चार्जशीट मिली या फिर परिवादी को धमकाने के लिए झूठ कहा। हाथोज निवासी दलाल विकास शर्मा को सोमवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
एसीबी ने दलाल को रिश्वत के 30 लाख रुपए लेते गिरफ्तार किया था। रिश्वत की राशि में 5 लाख रुपए असली और 25 लाख रुपए डमी नोट थे।
एसीबी की पूछताछ में दलाल विकास शर्मा ने बताया कि स्थानीय होने के कारण पटवारी नरेंद्र से जान-पहचान थी। नरेंद्र ने कहा था कि उसके भेजे हुए एक आदमी से पैसे ले लेना। बाद में उक्त आदमी जमीन पर प्लॉट काटेगा, तब तुझे उससे प्लॉट दिला दूंगा।
प्लॉट लेने के चक्कर में उसने रिश्वत के पैसे लिए थे। एसीबी मामले में पटवारी के उच्च स्तर की कड़ी की भूमिका की भी जांच कर रही है। आरोपी पटवारी ने रिश्वत की राशि ऊपर तक पहुंचाने की बात कही थी।
Updated on:
23 Sept 2025 09:17 am
Published on:
23 Sept 2025 09:16 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
