
जयपुर जिला उपभोक्ता आयोग महानगर-प्रथम ने उपभोक्ता को आश्वासन देकर लोन सुविधा उपलब्ध नहीं कराने और बिल्डिंग का निर्माण पूरा नहीं करने को बिल्डर का सेवादोष माना है। साथ ही बिल्डर पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है।
आयोग अध्यक्ष डॉ. सुबेसिंह यादव ने बृजमोहन शर्मा व अन्य के परिवाद पर यह आदेश दिया। आयोग ने परिवादी को हुई परेशानी को देखते हुए मैसर्स यूनिक बिल्डर्स की यूनिट मैसर्स यूनिक फ्लावर्स एलएलपी को आदेश दिया कि 11.65 लाख रुपए परिवाद दायर करने की तिथि 14 अक्टूबर, 2019 से नौ फीसदी ब्याज सहित परिवादी को लौटा दिए जाएं।
आदेश में कहा कि परिवादी को लोन सुविधा मुहैया कराने की जिम्मेदारी बिल्डर की थी, उसके आश्वासन के बाद ही परिवादी ने फ्लैट की बुकिंग कराई थी। लोन मिलने के आश्वासन पर परिवादी ने 7वीं मंजिल पर फ्लैट बुक करवाकर 12 लाख 18 हजार रुपए जमा करवा दिए। इसके बावजूद चौथी मंजिल तक का निर्माण भी पूरा नहीं कराया गया।
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परिवादी ने कहा कि उसे आयु अधिक होने के कारण लोन नहीं मिला, जिसके लिए बिल्डर जिम्मेदार है। जब परिवादी ने फ्लैट की बुकिंग निरस्त करने के लिए कहा तो बिल्डर ने 54 हजार रुपए का डेबिट नोट परिवादी को भिजवा दिया। इस पर परिवादी ने आयोग से हर्जाना दिलाने की गुहार की।
Published on:
10 Jan 2024 11:19 am
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