Rajasthan: जयपुर में बगरू के दहमीकलां में एचपीसीएल की भूमिगत पाइपलाइन से डीजल चोरी करने के लिए गैंग ने डेढ़ माह पहले मकान किराए पर लिया था। पुलिस ने डीजल चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़े गए आसाम के डिब्रूगढ़ निवासी राजेश उरांग को गिरफ्तार किया। डीसीपी (वेस्ट) अमित कुमार ने बताया कि आरोपी राजेश ने पूछताछ में कबूला कि गैंग को दिल्ली निवासी सरगना श्रवण सिंह उर्फ सरदार चला रहा है। आरोपी श्रवण के साथ उसका रिश्तेदार धर्मेन्द्र वर्मा उर्फ रिंकू भी गैंग में शामिल है। गैंग के खिलाफ राजस्थान सहित कई राज्यों में भूमिगत पाइपलाइन से तेल चोरी के 11 मामले दर्ज हैं। पुलिस को सरगना व अन्य बदमाशों की तलाश है।
डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि एचपीसीएल के अधिकारियों ने 6 जून को तेल चोरी होने की संभावना जताते हुए परिवाद दर्ज कराया था। इस पर जिला स्पेशल टीम के प्रभारी गणेश व बगरू थानाप्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम जुटी। टीम ने तीन दिन तक बगरू, बिंदायका, करधनी, हरमाड़ा व कालवाड़ थाना क्षेत्र में भूमिगत पाइपलाइन के 100 मीटर दायरे में स्थित करीब 1 हजार मकानों की तस्दीक की।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आरोपियों ने मकान के अंदर क्या हो रहा है, इसकी भनक तक नहीं लगने दी। आरोपियों ने मकान में करीब 15 फीट गहरी सुरंग खोदी और पाइपलाइन में छेदकर वॉल्व लगा दिया। वॉल्व से छोटे पाइप के जरिए डीजल को मकान तक लाते और फिर मकान के पीछे पिकअप में रखे ड्रमों को भरते। किसी को शक न हो, इसलिए आरोपियों ने पेयजल बोतलों का काम करना दिखा रखा था। मकान में भारी मात्रा में पेयजल बोतलें मिली हैं। टीम के पहुंचने से कुछ देर पहले पिकअप में रखे ड्रम में 1 हजार लीटर डीजल भरा गया था।
राजस्थान में भूमिगत पाइपलाइन या बड़े स्तर पर डीजल, पेट्रोल, क्रूड ऑयल चोरी होता है तो इसका मामला एसओजी में ही दर्ज होगा। एसओजी के साथ स्थानीय पुलिस गैंग के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करेगी। राजस्थान पुलिस के तत्कालीन डीजीपी उमेश मिश्रा ने इस संबंध में आदेश जारी किया था। इसलिए मामले की एफआइआर भी एसओजी को दर्ज करने के लिए भेज दी है। वहीं गैंग के खिलाफ मांग्लीयावास अजमेर, दिल्ली, भोंडसी-गुरुग्राम, हरमाड़ा, कालवाड़, बह्मपुरी जयपुर, चाकसू, शिवदासपुरा, प्रताप नगर जयपुर, पंजाब, थानेसर-कुरुक्षेत्र में भी एचपीसीएल की पाइपलाइन से तेल चोरी करने के मुकदमे दर्ज हैं।
गैंग ने पिकअप में पीछे ऊपर जाल लगा रखा था, जिस पर पेयजल बोतल रखते। वहीं जाल के नीचे ड्रम रख रखे थे, ताकि पेयजल बोतलें सप्लाई की आड़ में डीजल को यहां से बाहर ले जा सकें। चोरी के इस डीजल को फैक्टरियों व अन्य कारखाना संचालकों को सप्लाई किया जाता।
Published on:
12 Jun 2025 07:56 am