पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि सट्टे में सक्रिय अन्तरराष्ट्रीय गिरोह के गुर्गों को नामजद कर लिया गया है। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। इस बीच आइपीएल मैचों में फिक्सिंग के मामलों की भी जांच जारी है। श्रीवास्तव का कहना है कि इस मामले में लुधियाना, राजकोट, अहमदाबाद और भोपाल के नामजद गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद मैच फिक्सिंग की तमाम कडिय़ों का खुलासा कर दिया जाएगा।
फाइल मैच भी शक के दायरे में श्रीवास्तव का कहना है कि आइपीएल के फाइनल मैच को अंतिम क्षणों में जीत के लिए एक बॉल पर दो रन लेने की स्थिति पैदा कर पहले तो मैच टाई होने की आशंका बनाई गई। इसके चलते सट्टा बाजार में जमकर दांव खेलने की कई अहम जानकारियां मिली हैं। इस दौरान गेंदबाज ने भी बॉल डालने में करीब चार मिनट का समय लगाया जिसके चलते सट्टा बाजार में सटोरियों को बढ़-चढ़ कर दांव लगाने मौका मिल गया। इन तमाम बिंदुओं के आधार पर जांच कर फिक्सिंग के मामले में सबूत जुटाए जा रहे हैं। इसके अलावा अंत में मुंबई की टीम के जीतने के मामले को भी शक के दायरे में लिया गया है। मुंबई की इस जीत को भी जांच का आधार बनाया गया है।
जयपुर में हुए दो मैचों पर भी सवालिया निशान कमिश्नर का कहना है कि गिरफ्तार सटोरियों ने पूछताछ के बाद जयपुर में हुए दो मैच में भी फिक्सिंग के मामलों में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं, जिनकी विशेष टीम तस्दीक करने में जुटी हुई है। ये सट्टा बाजार में सक्रिय अन्तरराष्ट्रीय गिरोह के चिन्हित गुर्गों की मैच के दौरान हुई अन्तरराष्ट्रीय कॉलों की जांच कर सबूत जुटा रही है, जिसका खुलासा शीघ्र ही कर दिया जाएगा।
ऐसे चला क्रिकेट और सट्टे का नेटवर्क
दरअसल, जयपुर पुलिस की पकड़ में आए सटोरियों के मिले अंडरवर्ल्ड कनेक्शन के संकेतों के बाद पुलिस ने अपनी पड़ताल तेज़ कर दी है। पुलिस अब तक हुए मैचों के दौरान अन्तरराष्ट्रीय सरगना की जयपुर समेत अन्य शहरों में बैठे गुर्गों से हुई बातचीत की कॉल डिटेल निकलवाने में लगी हुई है। इसी के बाद यह पता चल पाएगा कि मैचों में चौके छक्के लगवाकर, कैच छोड़कर आदि के जरिए कहीं जनता को तो नहीं ठगा गया है। हालांकि पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव यह बात स्वीकार करते हैं कि मैचों में कहीं न कहीं अंडरवर्ल्ड का कनेक्शन है। पुलिस इसको लेकर पड़ताल में लगी हुई है।
49 मैच, 3000 करोड़ के सट्टे का पर्दाफाश
जयपुर कमिश्नरेट पुलिस की पकड़ में आए सट्टा किंग ने आइपीएल के तहत आइपीएल के तहत जयपुर सहित अन्य शहरों में हुए 49 मैचों में 3000 करोड़ के सट्टे का पर्दाफाश किया था। पुलिस उन लोगों के बारे में पता कर रही है, जिन्होंने सट्टे में बड़ी रकम लगाई हैं। साथ ही सट्टा किंग के साथ जयपुर के साथ देशभर में कौन-कौन लोग जुड़े हैं, उनकी भी कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है।
ऐसे संचालित होता है फिक्सिंग का खेल
1. दुबई-करांची से पहुंचती है सूचना: अंतरराष्ट्रीय सट्टा गिरोह सरगना लालचंद भोपाल-लुधियाना में बैठे खास गुर्गों के पास सूचना पहुंचाता है कि कौनसा मैच फिक्स हुआ है। 2. जयपुर, दिल्ली और कोलकाता आते हैं संकेत: भोपाल-लुधियान में बैठे सटोरिये सरगना की सूचना को जयपुर, दिल्ली और कोलकाता व देश के अन्य शहरों में स्थित नेटवर्क को मुहैया कराते हैं।
3. मैच शुरू होते ही ऑनलाइन नेटवर्क सक्रिय: कैच छोडऩे, जानबूझकर रन आउट नहीं करने जैसे निर्देश प्राप्त होते हैं और पास किए जाते हैं।
प्रत्येक मैच पर सरगना कमाता है 30 करोड़
प्रत्येक मैच पर सरगना कमाता है 30 करोड़
कमिश्नरेट की जांच में सट्टे की कमाई के बंटवारे का मामला भी सामने आया है। पूछताछ में एक मैच में 60 से 70 करोड़ रुपए की कमाई की जानकारी मिली है, जिसमें अन्तरराष्ट्रीय सरगना लालचंद के खाते में तीस करोड़ जमाकर शेष राशि भोपाल, लुधियाना, कोलकाता और जयपुर के सटोरियों मे ऑनलाइन बांट दी जाती है। जो मैच फिक्स होता है, उसमें गिरोह सरगना का हिस्सा दुगना हो जाता है।