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जयपुर अंडरपास हादसा: …तो आज जिंदा होते 7 लोग! इस लापरवाही ने उजाड़ दिए दो हंसते खेलते परिवार

Jaipur News: शहर में कुल 15 अंडरपास हैं लेकिन इनमें से सिर्फ तीन 'लक्ष्मी मंदिर तिराहा, ट्रांसपोर्ट नगर और डाडी का फाटक' ऐसे हैं जहां पानी निकालने के लिए पंप लगे हैं।

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हादसे की तस्वीर: पत्रिका

Jaipur Underpass Accident: जयपुर में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने शहर के अंडरपासों की स्थिति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल शिवदासपुरा अंडरपास में पानी भरा हुआ था और एक कार अचानक उसमें जा गिरी। पुलिस के अनुसार युवक को ड्राइविंग के दौरान नींद की झपकी आने से कार का संतुलन बिगड़ गया। जिस कारण कार पानी में गिरकर फंस गई।

इस दर्दनाक हादसे में कार में सवार 7 लोगों की मौत हो गई जिनमें दो मासूम बच्चे भी शामिल थे। हादसे ने दो परिवारों की खुशियां छीन ली। एक परिवार में 3 पीढ़ियां एक साथ खत्म हो गई। वहीं दूसरे में 4 बेटियां अनाथ हो गई और 14 महीने का इकलौता भाई भी हादसे में खत्म हो गया। अगर समय रहते अंडरपास में जल निकासी की पुख्ता व्यवस्था होती तो शायद आज ये सभी लोग जिंदा होते।

TOI की रिपोर्ट के अनुसार जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के इंजीनियरों ने बताया की शहर में कुल 15 अंडरपास हैं लेकिन इनमें से सिर्फ तीन 'लक्ष्मी मंदिर तिराहा, ट्रांसपोर्ट नगर और डाडी का फाटक' ऐसे हैं जहां पानी निकालने के लिए पंप लगे हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि किसी भी अंडरपास पर जनरेटर की सुविधा नहीं है जिससे बिजली जाने पर पंप काम नहीं करते।

JDA अधिकारियों का कहना है कि मालवीय नगर के नंदपुरी और शिवानंद मार्ग अंडरपास पर हाल ही में पंप और जनरेटर लगाए गए हैं जो जल्द ही चालू हो जाएंगे। हालांकि बाकी अंडरपासों की हालत अभी भी चिंताजनक है।

यहां बेहतर ढलान और निकासी

प्राधिकरण के मुताबिक, बी2 बायपास क्रॉसिंग और गुर्जर की थड़ी के अंडरपास में पंप लगाने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि वहां की ढलान और निकासी व्यवस्था बेहतर है। लेकिन JK फाटक अंडरपास जैसे स्थानों पर हर साल जलभराव की समस्या बनी रहती है।

ये बोले इंजीनियरों

इंजीनियरों ने बताया कि अधिकतर अंडरपास पुराने हैं और उस समय पंप या जनरेटर की जरूरत को ध्यान में नहीं रखा गया था। इसके अलावा कई अंडरपासों में पंप या जनरेटर लगाने की जगह ही नहीं है। कुछ जगह पंप तो लगा दिए गए हैं लेकिन जनरेटर लगाने की जगह नहीं मिली। इसलिए हालात ऐसे हैं। सबसे अच्छा तरीका है कि अंडरपास की निकासी लाइनें समय पर साफ की जाएं ताकि पानी जमा ही न हो। इस साल जब अच्छी तरह से सफाई की गई, तो नंदापुरी को छोड़कर किसी और अंडरपास में जलभराव की शिकायत नहीं आई।

4 बेटियां हुई अनाथ

जयपुर के शिवदासपुरा इलाके में रिंग रोड पर हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने 2 परिवारों की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल दी। बारिश से भरे एक अंडरपास में कार के गिरने से 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।

हादसा उस समय हुआ जब सभी लोग हरिद्वार से अस्थि विसर्जन करके लौट रहे थे। मरने वालों में वाटिका सांगानेर निवासी रामराज वैष्णव (38), उनकी पत्नी मधु देवी (35) और उनका 14 महीने का बेटा रुद्र भी शामिल थे। इस भीषण हादसे ने घर पर मौजूद उनकी 4 बेटियों मंजू (14), काजल, दयमंती और 8 साल की कनक को अनाथ कर दिया और छोटे भाई को भी छीन लिया। तीनों के अंतिम संस्कार में चारों बेटियां फूट-फूटकर रोती रही जिससे सबकी आंखें भर आई।

खत्म हो गई एक ही परिवार की 3 पीढ़ियां

भीलवाड़ा के फूलिया कला गांव का अशोक वैष्णव परिवार एक हफ्ते के भीतर 4 पीढ़ियों को खो चुका है। अशोक के पिता गोपाल वैष्णव का निधन छह दिन पहले हुआ था और उनकी अस्थियों के विसर्जन के लिए पूरा परिवार हरिद्वार गया था। लौटते वक्त हुए हादसे में अशोक (47), उनकी पत्नी सीमा देवी (45), बेटा रोहित (23) और पोता गजराज (6) की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा किसी वज्रपात से कम नहीं था। एक ही हादसे में परिवार की 3 पीढ़ियां खत्म हो गई। इनके अंतिम संस्कार के दौरन भी हादसा हुआ और 3 लोगों की मौत हो गई

अंतिम संस्कार करते वक्त भी हुआ हादसा

चारों का श्मशान घाट पर सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया। जिसके बाद कई लोग नदी के एनिकट पर स्नान के लिए गए। यहीं पर एक और हादसे ने दस्तक दी और स्नान करते वक्त 7 लोग बह गए। ग्रामीणों ने बचाव कार्य शुरू किया और 4 लोगों को बाहर निकाल लिया लेकिन 3 लोगों की मौत हो गई।

सिर्फ 48 घंटे में एक ही गांव के इतने लोगों की मौत होने से माहौल ग़मगीन हो गया और चारों तरफ सन्नाटा पसरा रहा।