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अमृतसिद्धि योग में मनाई जा रही है करवा चौथ, शाम 5:36 से 6:54 बजे तक रहेगा पूजन का सही समय

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जयपुर

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Dinesh Saini

Oct 27, 2018

Karwa Chauth 2018

जयपुर। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को अखंड सुहाग की कामना के साथ जाने वाला Karwa Chauth 2018 का पर्व आज उत्साह एवं परंपरागत तरीके से मनाया जा रहा है। घरों व बाजारों में उत्सवी महौल दिखाई पड़ रहा है। सुहागिन महिलाओं खास कर नवविवाहितओं में खासा उत्साह दिखाई दिया। महिलाएं दिनभर निर्जल रह कर व्रत रखा तथा शाम को चंद्र दर्शन व अघ्र्य देने के बाद ही व्रत खोलेगी। पति करवे से जल पिला कर व्रत का पारण करवाएंगे। इस दिन एक और जहां विवाहित महिलाओं ने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखा वहीं युवतियों ने अच्छे वर के लिए व्रत रखा है। कुछ सालों के अविवाहित युवतियों के भी अच्छे वर या मंगेतर के लिए व्रत रखने की नई परंपरा शुरू हुई। जिसके चलते अब बड़ी संख्या में अविवाहित युवतियां भी इस व्रत को करने लगी है।

बाजारों में रही रौनक
एक दिन पहले से ही महिलाओं ने व्रकथा सुनी औरत की तैयारियां शुरू कर दी थी। देर रात तक महिलाओं ने पर्व के लिए जम कर खरीदारी की, जिससे बाजारों में काफी रौनक रही। पत्नियों ने जहां पूजा सामग्री एवं सोलह शृंगार का सामान खरीदा, वही पतियों ने भी उपहार खरीदे। देर शाम तक महिलाएं ब्यूटी पार्लर पर अपनी सुंदरता निखारने में लगी रही। किसी कारण से खरीदी नहीं कर पाने वाली महिलाओं ने आज भी काफी खरीदारी की, जिससे सुबह से ही बाजारों में रौनक नजर आई। रोहिणी नक्षत्र में होगा चंद्रोदय: कई सालों बाद करवा चौथ पर अमृतसिद्धि एवं सर्वार्थसिद्धि योग का विशेष संयोग बन रहा है। इस बार यह पर्व शनिवार के दिन रोहिणी नक्षत्र में आ रहा है। इस दिन चंद्रोदय रात 8:06 पर रोहिणी नक्षत्र में होगा। शास्त्रों के अनुसार ज्योतिषशास्त्र रोहिणी नक्षत्र में चंद्रोदय होने से पति-पत्नी में प्रेम बढ़ेगा और घर में सुख-समृद्घि बढ़ेगी। यह व्रत पति की दीर्घायु व आरोग्ता के लिए काफी फलदायी मानी जा रही है।

अखंड सौभाग्य के लिए पूजा
गोपालजी का रास्ता स्थित चौथ माता के मंदिर में सुबह से ही करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं का तांता लगा रहा। महिलाओं ने माता की पूजा कर माता को 16 शृंगार एवं सुहाग की सामग्री अर्पित की। पति की दीर्घायु की कामना के साथ माता के दरबार में रक्षा सूत्र बांधे। शाम को महिलाएं चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय स्वामी, भगवान गणेश व चौथ माता की स्थापना कर पूजा करेंगी। चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अघ्र्य देकर व्रत का पारण करेंगी। शाम 5:36 से 6:54 बजे तक पूजन का सही समय रहेगा।