
जयपुर। राजस्थान के सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा मंगलवार को हो गई। राजस्थान में चर्चित व हॉट सीटों में शुमार नागौर जिले की खींवसर विधानसभा सीट एक बार फिर चर्चा में हैं। इसके दो प्रमुख कारण सामने आ रहे हैं। पहला तो यह कि यहां हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, वे इस सीट से किसे उम्मीवार बनाएंगे। देखना यह कि बेनीवाल अपने भाई व पत्नी में किसे टिकट देते हैं। या फिर कोई तीसरे को मौका मिल पाता है। दूसरा यहां कांग्रेस व रालोपा का विधानसभा उपचुनाव में गठबंधन रहेगा या नहीं। ये दो सवाल इस समय नागौर में ही नहीं पूरे राजस्थान के राजनीतिक पंडितों की जुबां पर हैं। इन दोनों का खुलासा भी अब जल्द हो जाएगा।
बेनीवाल ने दूसरी बार दोहराया इतिहास
रालोपा के हनुमान बेनीवाल ने पहले विधायक फिर सांसद बनकर उपचुनाव कराने का दूसरी बार इतिहास दोहराया है। हनुमान बेनीवाल वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में खींवसर सीट से विधायक बने थे। इसके बाद वे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन कर सांसद बन गए। तब इस दौरान उन्होंने अपने भाई नारायण बेनीवाल को उपचुनाव में उतारा और वे जीत गए।
यही इतिहास दुबारा दोहराया जा रहा है। हनुमान बेनीवाल ने वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में वे फिर खड़े हो गए। इस बार उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन कर लिया और भाजपा की ज्योति मिर्धा को शिकस्त दी। अब फिर से इस सीट पर विधानसभा के उपचुनाव हो रहे हैं। इस बार वे किसको मौका देते हैं, यह देखना रहेगा।
पिछले 16 साल से खींवसर सीट पर है बेनीवाल परिवार का कब्जा
वर्ष 2008: मूण्डवा को हटाकर खींवसर को विधानसभा सीट बनी। तब हनुमान बेनीवाल ने भाजपा के टिकट से चुनाव लडकऱ जीत दर्ज की।
वर्ष 2013: हनुमान बेनीवाल ने खींवसर से निर्दलीय चुनाव लडकऱ दूसरी बार जीत दर्ज की।
वर्ष 2018: बेनीवाल ने खुद की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बनाकर उससे चुनाव लड़ा और जीते।
वर्ष 2019:विधानसभा उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल ने अपने भाई नारायण बेनीवाल को आरएलपी से चुनाव लड़वाया, जिसमें भाजपा का साथ था।
वर्ष 2023: विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने खींवसर से विधानसभा का खुद चुनाव लड़ा और जीते। 2023 के विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने सांसद रहते हुए अपनी ही पार्टी आरएलपी से चुनाव लड़ा था और भाजपा के रेवंतराम डांगा को हराकर चौथी बार विधायक चुने गए थे।
क्या रह पाएगा रालोपा का कांग्रेस से गठबंधन
लोकसभा चुनाव में रालोपा ने कांग्रेस से गठबंधन किया था। लेकिन सांसद बनने के बाद से रालोपा व कांग्रेस के मधुर रिश्ते नजर नहीं आए। अब देखना यह है कि क्या उप चुनाव में बेनीवाल की पार्टी आरएलपी व कांग्रेस का गठबंधन रह पाएगा या दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लडं़ेगी। इसके साथ हनुमान बेनीवाल ने अब तक यह भी नहीं बताया है कि उप चुनाव में उनका उम्मीदवार कौन होगा। उनके समर्थक कयास लगा रहे हैं कि उनकी पत्नी या भाई को वापस टिकट दिया जाएगा या फिर कोई नया चेहरा होगा। क्योंकि बेनीवाल सार्वजनिक मंच से हमेशा कहते आए हैं कि उनके परिवार की बजाए कोई दूसरा व्यक्ति चुनाव लड़े। उधर, भाजपा ने भी उप चुनाव को लेकर पूरा जोर लगा रखा है।
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Updated on:
15 Oct 2024 05:52 pm
Published on:
15 Oct 2024 05:46 pm
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