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दोस्त-दोस्त ना रहा, पैसे की खातिर अपने ही दोस्त को उतारा मौत के घाट, पिता से मांगी फिरौती

जयपुर। पांच करोड़ रुपए की फिरौती मांगने के लिए बचपन के दोस्त एडवोकेट ने अपने दो साथियों संग मिलकर सरस डेगरी में कार्यरत कम्पूटर ऑपरेटर का पहले तो अपहरण किया और बाद में उसे मौत के घाट उतार दिया।

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Muder in jaipur

पांच करोड़ रुपए की फिरौती मांगने के लिए बचपन के दोस्त एडवोकेट ने अपने दो साथियों संग मिलकर अपहरण किया और अपने दोस्त को मौत के घाट उतार दिया

सांगानेर पुलिस ने गुरुवार को मामले का खुलासा कर दोस्त समेत तीनों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार एडवोकेट दिवाकर टांक मारूति नगर सागनेर, वृजभान सिंह चौहान एवं उसका छोटा भाई योगेन्द्र सिंह चौहान श्रीनाथ कॉलोनी सांगनेर के रहने वाले
है।

हत्या के लिए आरोपियों ने मृतक को योगेंद्र के फ्लैट पर बुलाया। यहां आने के बाद मृतक हनुमान मीणा को बंधक बनाकर मुंह पर टेप चिपका दी और तड़पते हुए के फोटो-वीडियो बना लिए।

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इस दौरान हनुमान की दम घुटने से मौत हो गई | इसके बाद आरोपियों ने शव को पांच -पांच किलो के दो बांट रखकर द्रव्यवती नदी में फेंक दिया और वीडियो भेजकर मृतक के पिता से एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी । पहले इनकी योजना पांच करोड़ रुपए मांगने की थी। हनुमान की मौत के बाद आरोपियों ने फिरौती की रकम कम कर दी।

एडिशनल कमिश्नर कैलाश चन्द्र बिश्नोई ने बतावा कि 22 मई को सांगनेर निवासी जगदीश मीणा ने सांगनेर थाने मे गुमशुदगी की रिपोर्ट दी कि उसका बेटा हनुमान मीणा सुबह से लापता है। अगले दिन उन्होने थाने मे रिपोर्ट दी कि उनके बेटे के मोबाइल से वीडियो भेजकर एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी जा रही है। वीडियो में उनका बेटा बंधक बना हुआ है।

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पूछताछ के बाद उगला सच

एडीसीपी अवनीश शर्मा, एसीपी राम सिंह एवं थानप्रधारी महेन्द्र यादव के नेतृत्व में गठित टीमों ले तकनीकी जांच करके अपह्रत हनुमान के दोस्त दिवाकर को चिन्हित किया। बाद में उसके दो दोस्त ब्रजभान और योगेंद्र को पकड़ लिया। उनसे पूछताछ में सामने आया कि उन्होंर 22 मई को ही हनुमान की हत्या कर दी थी। और शव को नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने 24 मई को शव नदी से बाहर निकाला। शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के हवाले कर दिया।

दोस्त दोस्त ना रहा : ऐसे रची साजिश

डीसीपी ईस्ट ज्ञानचंद यादव ने बताया कि आरोपी एडवोकेट दिवाकर टांक हनुमान का बचपन का दोस्त था। वह उसके बारे में पूरी जानकारी रखता था। उसे पता था कि हनुमान के पिता बैंक मैनेजर है और उनके पास काफी रुपए हैं। तब उसने अपने दोस्त बुजभान और योगेन्द के साथ मिलकर साजिश रची और करीब दो माह पहले योगेंद्र ने पड़ोस में किराए का फ्लैट ले लिया। इसके बाद बूजभात ने अलग-अलग कारणों से हनुमान को बुलाने का प्रयास किया, लेकिन वह बार-बार मना करता रहा ।

22 मई को हनुमान मिलने के लिए पहुंचा तो बंधक बना लिया और रस्सी से हाथ-पैर बांधने के बाद मुह पर टैप चिपका दी। बाद में उसके पिता से फिरोती मांगने के लिए वीडियो बना लिया। बदमाश हनुमान को कमरे में बांधकर आ गए, दम घुटने से उसकी मौत हो गई। बदमाश अगले दिन भी उसके पिता को वीडियो भेजकरर फिरौती मांगते रहे।