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VIDEO : गहलोत सरकार के मंत्रियों पर फेंके जूते-चप्पल, देखें कैसे बिगड़ा माहौल?

अति पिछड़ा वर्ग को राजनीतिक हक दिलाने के मकसद से रखे गए इस कार्यक्रम में गुर्जर समाज के मंत्रियों को खूब किरकिरी झेलनी पड़ी। समाज के युवाओं के गुस्से को देखते हुए कांग्रेस के नेताओं को बीच में ही भागना पड़ा।

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दिवंगत गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुष्कर में सोमवार को हुए अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में अति पिछड़ा वर्ग को एकजुट करने के लिए बिछाई गई जाजम पर खूब जूते उछले। अति पिछड़ा वर्ग को राजनीतिक हक दिलाने के मकसद से रखे गए इस कार्यक्रम में गुर्जर समाज के मंत्रियों को खूब किरकिरी झेलनी पड़ी। समाज के युवाओं के गुस्से को देखते हुए कांग्रेस के नेताओं को बीच में ही भागना पड़ा।

 

चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत सिंह, यूपी से आए विधायक अतुल प्रधान भी कार्यक्रम में शामिल हुए। अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में देशभर से गुर्जर समाज के लोग पहुंचे। इनमें बड़ी तादाद युवाओं की थी।


विवाद के बाद मंत्री चांदना ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि आज अद्भुत नजारा दिखा। 72 समाजजन को शहीद किया गया। इन्हें मारने के आदेश देने वाले (तत्कालीन मंत्रिमंडल सदस्य) राजेन्द्र राठौड़ के मंच पर आने पर तालियां बजीं और जिनके परिवार के लोग जेल गए उन पर जूते फेंके।


बाद में राठौड़ ने जवाब में कहा कि पहले अपने गिरेबान में झांको, यह हालत क्यों? दूसरों की पकी फसल अपने खेत पर ले जाओगे तो परिणाम ऐसे ही निकलेंगे।


‘जिस दिन मैं लड़ने पर आया एक ही बचेगा’चांदना ने कहा-मुझ पर जूता फिकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बने तो जल्दी से बन जाएं क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है। जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूं।

 

आत्मा हुई होगी आहत

मेरे और कर्नल बैंसला के संबंध बहुत आत्मीय थे। मैं विजय बैंसला के आमंत्रण पर वहां गया लेकिन वहां जिस तरह का उपद्रव हुआ, उसने कर्नल बैंसला की आत्मा को आहत किया होगा। धर्मेंद्र राठौड़, चेयरमैन, आरटीडीसी

 


इस बीच कर्नल बैंसला के पुत्र विजय बैंसला की भी प्रतिक्रिया आई है। मीडिया के सवाल पर बैंसला ने कहा कि सभा में कुछ लोग किन्हीं कारणों से उद्वेलित थे।