Jaipur 5-Star Hotel Viral Video: जयपुर। राजधानी जयपुर के एक फाइव स्टार होटल में एक कपल के निजी पलों का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे वाकये के लिए कुछ यूजर्स होटल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे है तो कुछ इसके लिए कपल की गलती बता रहे है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर इस गलती के लिए कौन जिम्मेदार है, किसी कपल के निजी पलों का वीडियो बनाने और वायरल करने पर कानून क्या कहना है? इसके अलावा होटल में ठहरते वक्त किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, ताकि ऐसा मामला सामने ना आए।
इस पूरे मामले पर होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष हुसैन खान ने पत्रिका डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि कई बार ऐसे मामले सामने आ जाते है। लेकिन, इसके लिए होटल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराना गलत होता है। क्योंकि होटल प्रबंधन अपने कस्टमर की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखता है। बिना परमिशन होटलकर्मी तक कस्टमर को डिस्टर्ब नहीं करते। ना ही उनके कमरे का दरवाजा खटखटाता है।
वायरल वीडियो पर उन्होंने कहा कि होटलों के अंदर खिड़कियों पर कांच के साथ ही पर्दे भी लगे होते हैं। ऐसे में कस्टमर को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे ऐसी गलती ना करें। जिसकी वजह से उन्हें बाद में पश्चाताप हो। उन्होंने कहा कि होटल के अंदर खिड़कियों पर ऐसी पर्दे लगाए जाते है, ताकि लाइट जलने पर भी बाहर से कमरे के अंदर कुछ भी नहीं दिखाई दें। अगर होटल में पर्दे हल्के कपड़े के लगे हो तो, इसके लिए होटल प्रबंधन जिम्मेदार होता है।
होटल में ठहरे कपल का वीडियो बनाना और वायरल करना आईटी एक्ट, 2000 की धारा 67B व 66E और आईपीसी की धारा 354C के तहत अपराध माना जाता है। ऐसे मामलों में 7 साल की सजा का प्रावधान है। राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील युवराज सामंत ने बताया कि धारा 67B के तहत 18 साल से कम उम्र के युवक-युवती का वीडियो बनाने और वायरल करने पर 5 साल की सजा या 10 लाख रुपए के जुर्माना लगाया सजा सकता है।
दोबारा ऐसी ही गलती करने पर 7 साल तक की सजा हो सकती है। धारा 66E के तहत किसी भी उम्र के कपल का वीडियो बनाने और वायरल करने पर 3 साल तक ही सजा और 2 लाख रुपए तक का प्रावधान है। दोबारा ऐसी गलती करने पर सात साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा किसी नहाती हुई महिला का वीडियो बनाकर वायरल करने पर आईपीसी की धारा 354C के तहत एक साल की सजा हो सकती है।
जयपुर की फाइव स्टार होटल में हैरान कर देने वाला मामला सामने आने के बाद यह साफ है कि प्राइवेसी के लिहाज से होटल भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में कस्टमर को होटल में कमरा लेते वक्त कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जैसे कमरे के अंदर को कोई गुप्त कैमरा तो लगा हुआ नहीं है। साथ ही यह चेक कर लें कि कमरे के खिड़की और दरवाजे टूटे हुए या फिर कहीं कोई छेद तो नहीं है। कमरे के गेट और खिड़की पर पर्दा है या नहीं? अगर पर्दा है तो वह कैसा है? क्या बाहर के आदमी को अंदर का दृश्य तो नहीं दिख रहा है। कस्टमर को होटल के कमरे को अच्छी तरह चेक कर लेना चाहिए। अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो काफी महंगा पड़ सकता है।
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प्रश्न: क्या होटल की खिड़कियों से फिल्म बनाना गैरकानूनी है?
उत्तर: बिना सहमति के निजी पलों को कैद करना, चाहे वह सार्वजनिक जगहों से ही क्यों न हो, भारत में निजता कानून का उल्लंघन है।
प्रश्न: क्या होटलों को गोपनीयता भंग करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?
उत्तर: यदि कमरों में पर्दे या टिंटिंग जैसे पर्याप्त गोपनीयता उपाय उपलब्ध नहीं कराए गए हैं, तो वे उत्तरदायी हो सकते हैं।
प्रश्न: होटल में यात्री अपनी निजता कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
उत्तर: हमेशा सुनिश्चित करें कि पर्दे बंद हों और कमरे के डिज़ाइन में किसी भी तरह की खामी की सूचना होटल प्रबंधन को दें जिससे निजता प्रभावित हो।
प्रश्न: अगर मैं ऑनलाइन ऐसा कोई वीडियो देखूं तो मुझे क्या करना चाहिए?
उत्तर: शेयर या टिप्पणी न करें। इसके बजाय, संबंधित प्लेटफ़ॉर्म या भारत के साइबर क्राइम पोर्टल पर इसकी रिपोर्ट करें।
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Updated on:
22 Jun 2025 11:17 am
Published on:
21 Jun 2025 03:46 pm