
जयपुर। राजस्थान में एकबारगी फिर गैंगवार की आहट होने लगी है। शेखावाटी एक बारगी फिर खून से सन गया है। इस बार गैंगस्टर राजू ठेहठ की हत्या की गई है। जिसके बाद आनंदपाल व बलवीर गैंग का सपना पूरा हो गया है। आनंदपाल चाहता था कि वह राजू ठेहठ को मारे। लेकिन वह नहीं मार सका तो उसकी अब बलवीर और आनंदपाल की गैंग ने राजू ठेहठ को मार डाला। लेकिन यह गैंग करीब ढाई दशक पुरानी है। जिसकी शुरूआत दोस्ती से हुई और फिर दुश्मनी तक जा पहुंची।
राजू ठेहट अपराध की दुनिया में 1995 में आया था। उस दौरान उसकी मुलाकात 1997 में बलबीर बानूड़ा से हुई थी। दोनों एक ही कारोबार से जुड़े थे। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन साल 2005 में बलबीर के साले की हत्या कर दी। इसके बाद बलबीर और राजू की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। इसके बाद बलबीर ने अपना गैंग बनाया। बलबीर के गैंग में आनंदपाल भी शामिल हुआ। बलबीर गैंग ने इसी बीच राजू के करीबी गोपाल फोगाट की हत्या कर दी। साल 2014 में सीकर जेल में राजू ठेहट पर हमला हुआ। कुछ दिनों बाद बीकानेर जेल में आनंदपाल की हत्या कराने के लिए राजू ठेहठ ने प्रयास किया। इस हमले में बलबीर बानूड़ा की मौत हो गई। इसके बाद साल 2017 में आनंदपाल पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। इसके बाद अब बलबीर और आनंदपाल गैंग ने राजू ठेहट को मार डाला है। अब राजस्थान में लॉरेंस विश्नोई ने अपना वजूद जमा लिया है। अब अधिकांश बदमाश लॉरेंस के अंडर में काम कर रहे है।
खूनी गैंगवार — 20 से ज्यादा मर्डर..इनमें मुख्य मर्डर..
— 1998 में सीकर में राजू ठेहठ औल बलवीर बानूड़ा ने मिलकर भीमाराम की हत्या की
— 2005 में सीकर में राजू ठेहठ की विजयपाल ने हत्या की
— 2005 में बलवीर बानूड़ा व आनंदपाल ने मिलकर नानूराम की हत्या की
— 2006 में सीकर में राजू ठेहठ ने शीशराम हत्याकांड को अंजाम दिया
— 2009 में चूरू में वीरेंद्र न्यांगली की हत्या
— 2011 में सुजानगढ़ में आनंदपाल की गैंग ने शराब ठेके के सेल्समैन राकेश की हत्या
— 2014 में बीकानेर जेल में बलवीर बानूड़ा की हत्या
— उसी दिन आंनदपाल ने जेल में राजू ठेहठ गैंग के रामपाल व जयप्रकाश की हत्या कर डाली
— 2017 में गैंगस्टर आनंदपाल के खास सुभाष बराल ने राजू ठेहठ के करीबी सरदार राव की हत्या कराई
— 2022 में गैंगस्टर राजू ठेहठ की हत्या
Updated on:
04 Dec 2022 08:24 pm
Published on:
04 Dec 2022 08:20 pm
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