
Rajasthan Technical University Kota Dirty Teacher : पुलिस ने रविवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में नम्बर बढ़ाने की एवज में एक छात्रा से इज्जत मांगने वाले एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और आरोपी बिचौलिया छात्र अर्पित अग्रवाल को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया, जहां से दोनों आरोपियों को 28 दिसम्बर तक रिमांड पर सौंपा गया है।
उधर, एसआईटी की पूछताछ में दोनों आरोपियों ने गहरे राज उगले हैं, जो विश्वविद्यालय की साख पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। एसोसिएट प्रोफेसर विश्वविद्यालय की गोपनीयता को धता बताते हुए बिचौलिए छात्र और एक छात्रा को परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं ही दे देता था।
दोनों उत्तर पुस्तिकाएं घर ले जाकर छात्राओं को नम्बर बढ़ाने का लालच देकर एसोसिएट प्रोफेसर के पास भेजने के लिए बाध्य करते थे। सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि विश्वविद्यालय की गोपनीय शाखा से उत्तर पुस्तिकाएं कैसे बाहर जाती थी। उधर, आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ एक और छात्रा मामला दर्ज करवाया है। अब तक तीन मामले दर्ज हो चुके हैं।
उत्तर पुस्तिकाएं जब्त
एसआईटी टीम के सामने जांच में चौंकाने वाले तथ्य आए। उत्तर पुस्तिकाएं एसोसिएट प्रोफेसर के बजाय सहयोगी छात्र अर्पित व एक अन्य सहयोगी छात्रा घर ले जाकर चैक करते थे, जिसमें स्वयं की उत्तर पुस्तियाएं भी शामिल थी। एसआईटी टीम ने उत्तर पुस्तिकाएं जब्त की हैं। अब इन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच एफएसएल टीम से करवाएगी।
सबका साथ सबका विकास
जांच अधिकारी ने बताया कि छठे सेमेस्टर की मुख्य परीक्षा से पूर्व पेपर कोड 6 ईआईयू 4 की परीक्षा ईआईसी के छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप पर प्रोफेसर परमार ने 30 प्रश्नपत्र का पेपर डलवाया। प्रश्नपत्र के साथ ही एक आडियो भी डलवाया। ऑडियो में वह कह रहा है कि सबका साथ सबका विकास। बच्चों के इस प्रश्नपत्र के हिसाब से तैयारी की। परीक्षा के एक दिन पहले प्रोफेसर ने बच्चों से कहा कि सब पढ़कर जाना कुछ भी आ सकता है। व्हाट्सएप पर डाला प्रश्नपत्र नहीं आने से छात्र फेल हो गए।
प्रो. राजीव गुप्ता को हटाया
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रोनिक्स विभाग के डीन फैकल्टी अफेयर्स पद से प्रो. राजीव गुप्ता को हटा दिया गया है। इस अनुभाग का कार्यभार डॉ. ए.के. दीवेदी को सौंपा गया है। रजिस्ट्रार प्रहलाद मीना ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
अर्पित ने स्वयं को दिए पासिंग मार्क्स
जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपी छात्र अर्पित ने अपनी कॉपी में 100 में से 47 नम्बर दिए और अन्य सहयोगी छात्रा को 84 नम्बर दिए। सेमेस्टर में कुल 34 छात्र-छात्राएं थी, जिसमें से 15-16 छात्र-छात्राओं को फेल कर दिया गया। पुलिस सेमेस्टर की सभी उत्तर पुस्तिकाओं की एफएसएल जांच करवाएगी। अर्पित व सहयोगी छात्रा की ओर से दिए गए नम्बरों की हैंड राइटिंग की भी जांच करवाएगी।
क्लास में उपस्थिति से लेकर घर के काम करता था अर्पित
जांच में सामने आया कि अर्पित कक्षा प्रतिनिधि (सीआर) था। वह क्लास में उपस्थिति से लेकर प्रोफेसर के घर के सभी काम करता था। परीक्षा में फेल हुई छात्राओं को पास कराने के लिए एसोसिएट प्रोफेसर के लिए अस्मत की मांग भी वह छात्राओं के सामने रखता था। उन्होंने बताया कि अभी तक की जांच में केवल छात्राओं से अस्मत मांगने का ही मामला सामने आया है। पैसे के लेन देन का जांच में कोई मामला सामने नहीं आया है।
पूर्व एचओडी के प्रकरण को रिओपन किया
एसपी शेखावत ने बताया कि वर्ष 2021 में संविदाकर्मी ने पूर्व एचओडी व नियंत्रक अधिकारी प्रो. राजीव गुप्ता के खिलाफ 354 का आपराधिक मामला दर्ज करवाया था। उसमें एफआर लग गई थी। पुलिस ने इस प्रकरण को रिओपन कर पत्रावली न्यायालय से प्राप्त कर ली है। इसकी भी दुबारा से जांच की जाएगी।
Published on:
26 Dec 2022 11:25 am
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