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खून की कमी से टूट सकता है मां बनने का सपना

खून की कमी से टूट सकता है मां बनने का सपना

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खून की कमी से टूट सकता है मां बनने का सपना


जयपुर
खून की कमी महिलाओं के मातृत्व सुख में बड़ी रूकावट बन सकती है। खून की कमी होने से महिलाओं को बार—बार गर्भपात हो जाते की समस्या का दु:ख सहना पड़ता है। खून की कमी से होने वाली बीमारी से जन्म से पहले ही बच्चे की गर्भ में मौत हो जाती है। खून की कमी से होने वाली एक बीमारी है एंटी फॉस्फॉलिपिड सिंड्रोम भी है। इस बीमारी से ग्रसित महिलाओं को गर्भपात का दंश झेलना पड़ता है।
सीनियर हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. उपेन्द्र शर्मा का कहना है कि इस बीमारी से महिला को बार-बार गर्भपात होता है। इस बीमारी में शरीर में जगह-जगह रक्त वाहिकाओं में क्लॉट जम जाता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। यदि समय से इस का उपचार नहीं किया जाए तो गर्भ में पल रहे बच्चे की जान तक जा सकती है।

एंटी फॉस्फॉलिपिड सिंड्रोम
एंटी फॉस्फॉलिपिड सिंड्रोम एक प्रकार का ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होता है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ और बीमारी कोशिकाओं में फर्क नहीं कर पाती है। जिन्हें ऑटोइम्यून या गठिये से जुड़ी बीमारी हो, उनको यह रोग होने की संभावना ज्यादा होती है। खून में थक्के जमना, बार-बार गर्भपात होना या मृत शिशु का प्रसव होना इस सिंड्रोम के लक्षण हैं। यदि शरीर में एंटी फॉस्फॉलिपिड एंटीबॉडी हैं तो मरीज को नसों व धमनियों में थ्रोम्बोसिस की समस्या होने लगती है। इसमें पैर सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

बीमारी के यह लक्षण
इस बीमारी से रक्त के थक्के के कारण पैरों में सूजन, दर्द होना बड़ा कारण है। इसके साथ ही बड़ा थक्का जमने से जोखिम भी बना रहता है। नसों के माध्यम से यह थक्का हृदय, फेफड़े या दिमाग में भी जा सकता है। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक या छाती में दर्द जैसी समस्या भी हो सकती है। समय पर उपचार नहीं करवाने से महिला को मातृत्व सुख से वंचित भी होना पड़ सकता है।

भ्रूण का विकास भी नहीं
जिन महिलाओं को एंटी फॉस्फॉलिपिड सिंड्रोम की शिकायत है उनमें थ्रोम्बोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है और सामान्य महिला के मुकाबले गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा उन्हें गर्भावस्था से जुड़ी अन्य समस्याओं जैसे प्रीक्लेम्पसिया और गर्भ में रक्त प्रवाह की कमी जिससे भ्रूण का विकास नहीं हो पाता, जैसे खतरों सी संभावना होती है। इन खतरों को कम करने लिए कुछ उपचार उपलब्ध हैं।