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Lakhpati Didi : अब राजस्थान की महिला उद्यमियों को मिलेगा सस्ती ब्याज दर पर ऋण, जानें पूरी योजना

CONFED Rajasthan: महिलाओं को बिना शुल्क के मिलेगा बाजार, बिक्री सीधे खाते में, जयपुर में खुला खास काउंटर, सिर्फ महिलाओं के उत्पादों के लिए।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

May 14, 2025

women empowerment: जयपुर। राज्य सरकार की "लखपतिदीदी" योजना को धरातल पर उतारने के लिए अब राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ (कॉनफेड) आगे आया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप, महिला स्वयं सहायता समूहों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। इस अभियान में कॉनफेड की सक्रिय भागीदारी से राजीविका से जुड़ी महिलाओं को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, मंजू राजपाल ने जानकारी दी कि पहले चरण में कॉनफेड और 33 जिला उपभोक्ता सहकारी भण्डारों के 78 विक्रय केन्द्रों पर राजीविका महिला समूहों द्वारा तैयार उत्पादों के साथ ही राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप श्री अन्न उत्पाद भी बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। इन उत्पादों की बिक्री पर कॉनफेड कोई शुल्क नहीं लेगा, जिससे महिलाओं को अधिक लाभ मिलेगा।


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जयपुर के भवानी सिंह रोड स्थित नवजीवन सुपर बाजार में राजीविका उत्पादों की बिक्री और प्रदर्शन के लिए विशेष काउंटर स्थापित किया जाएगा। यहां बिक्री से प्राप्त पूरी राशि सीधे महिला समूहों के बैंक खातों में जमा होगी, जिसके लिए अलग खाता और QR कोड जारी किए जाएंगे।

राजपाल ने बताया कि महिला उद्यमियों को वित्तीय सहयोग देने के लिए ‘महिला उद्यमी ऋण योजना’ के तहत सस्ती ब्याज दरों पर ऋण भी उपलब्ध होगा। यह ऋण केंद्रीय सहकारी बैंक और प्राथमिक भूमि विकास बैंक के माध्यम से लिया जा सकेगा, जबकि राजस्थान महिला निधि द्वारा राज्य सहकारी बैंक से क्रेडिट लिमिट भी स्वीकृत करवाई जा सकेगी।

राज्य सरकार द्वारा आयोजित होने वाले विभिन्न मेलों में भी राजीविका के उत्पादों की बिक्री की जाएगी। इस पूरी योजना के प्रभावी संचालन के लिए सहकारिता विभाग और राजीविका के प्रतिनिधियों की संयुक्त समन्वय समिति गठित की जाएगी।

उन्होंने यह भी बताया कि योजना के दूसरे चरण में जिलों में कार्यरत क्रय-विक्रय सहकारी समितियों, ग्राम सेवा सहकारी समितियों और नए 8 जिलों में स्थापित किए जाने वाले उपभोक्ता होलसेल भण्डारों के माध्यम से भी इन उत्पादों का विक्रय किया जाएगा।

यह पहल न केवल ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि ‘लखपतिदीदी’ बनने के उनके संकल्प को भी मजबूत आधार देगी।

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