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मौसम विभाग का ताजा अपडेट, राजस्थान में अगले पांच दिन ऐसा रहेगा मौसम

Rajasthan Weather Update : पश्विमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद प्रदेश में सर्दी का अहसास फिर होने लगा है। माउंट आबू में 21 दिन बाद तापमान माइनस में आ गया। यहां न्यूनतम तापमान माइनस एक डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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Latest update from weather department, weather Forecast in Rajasthan for next five days

Rajasthan weather update : जयपुर। पश्विमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद प्रदेश में सर्दी का अहसास फिर होने लगा है। माउंट आबू में 21 दिन बाद तापमान माइनस में आ गया। यहां न्यूनतम तापमान माइनस एक डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा प्रदेश के कई जिलों में न्यूनतम तापमान 14 डिग्री तक दर्ज किया गया है। फतेहपुर में जहां 14 डिग्री पारा गिरा वहीं, माउंट आबू और जालौर में 10 डिग्री, संगरिया में 11, बीकानेर में 10 तक न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है। वहीं, 11 जगहों पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे आ गया। संगरिया में 3.6, फतेहपुर में 5.9 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।

मौसम केन्द्र जयपुर के अनुसार पिछले 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश सांचौर, जालोर में 11मिमी और 23 मिमी बारिश रेवदर, सिरोही में रिकॉर्ड की गई है। मौसम केन्द्र के अनुसार आगामी पांच दिन मौसम शुष्क रहेगा।

आड़ी पड़ी फसलें, 50 फीसदी तक खराबा
चित्तौडग़ढ़ जिले में मौसम में आए बदलाव और ओलावृष्टि ने अफीम सहित कई फसलों को चपेट में ले लिया है। जिन अफीम उत्पादकों ने डोडों के चीरे लगा दिए हैं, उनमें से निकले मादक दूध को बारिश के पानी ने बहा दिया है। तेज हवा से खेतों पर अफीम की फसल आड़ी पड़ गई हैं। फसलों में पचास फीसदी तक नुकसान हुआ है। इसबगोल में पचास व अफीम में चालीस प्रतिशत नुकसान का आकलन किया गया है।

कृषि विभाग ने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी है। जिले की 11 तहसीलों के गांवों सहित उदयपुर के वल्लभ नगर व मावली क्षेत्र के किसानों को यहां जिला अफीम अधिकारी कार्यालय खंड प्रथम, तृतीय और अतिरिक्त खंड में इस बार करीब 20 हजार से ज्यादा किसानों को अफीम पट्टे दिए गए हैं। नारकोटिक्स विभाग की ओर से इस बार 673 गांवों में 15 हजार 88 पट्टे चिराई वाले व सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती के 5 हजार 21 पट्टे दिए गए हैं।

जीरे की फसल को 30 से 40 फीसदी नुकसान
बीकानेर. जीरा और ईसबगोल के उत्पादन वाले नोखा क्षेत्र में तेज हवाओं, बारिश-ओलावृष्टि से फसलों को 30 से 40 फीसदी तक नुकसान हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान जीरा की फसल को हुआ है। आंधी ने खेतों में खड़ी फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।