
जयपुर। मेवाड़ यूनिवर्सिटी (गंगरार चित्तौडगढ़) का डीन कौशल किशोर चन्द्रुल ही सरकारी नौकरी के लिए बेरोजगारों को धड़ल्ले से एमए की फर्जी डिग्रियां बांट रहा था। एटीएस-एसओजी के एडीजी वी.के. सिंह ने बताया कि डीन कौशल किशोर चन्द्रुल के मोबाइल में फर्जी डिग्री देने के संबंध में कई सबूत मिले हैं। आरोपी डीन कौशल को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 13 अप्रेल तक रिमांड पर भेजा है।
एटीएस-एसओजी के एडीजी वी.के. सिंह ने बताया कि मेवाड़ यूनिवर्सिटी का कैम्पस नोएडा में भी है। आरोपी नोएडा कैम्पस से ही फर्जी डिग्री देने का काम करता था। आरोपी से गिरोह में शामिल अन्य लोगों के संबंध में पूछताछ की जा रही है। साथ में अब तक वह किस-किस को एमए के साथ अन्य कौनसी फर्जी डिग्री दे चुका है।
गौरतलब है कि मार्च में लोक सेवा आयोग ने एसओजी को शिकायत की थी, जिसमें बताया था कि प्राध्यापक हिंदी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा 2022 में उत्तीर्ण गांव वाड़ा भाड़वी (सांचौर) निवासी कमला कुमारी और गांव भूतेल देवड़ा निवासी ब्रह्मा कुमारी अपने दस्तावेजों में मेवाड़ यूनिवर्सिटी की डिग्री प्रस्तुत की है। जबकि आवेदन करते समय वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय से डिग्री लेना बताया था। अनुसंधान के बाद दोनों छात्राओं को गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ के बाद आरोपी डीन को पकड़ा गया।
Published on:
10 Apr 2024 09:19 am
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