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जरा याद करो कुर्बानी: हरियाणा ने बढ़ाया बहू का मान, राजस्थान भूला बेटी की शहादत

देश की पहली महिला शहीद अफसर के लिए किया गया वादा आज तक पूरा नहीं किया गया। हरियाणा ने तो बहू का मान बढ़ाया, लेकिन राजस्थान बेटी की शहादत को भूल गया। हम बात कर हैं लेफ्टिनेंट किरण शेखावत की।

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जयपुर। देश की पहली महिला शहीद अफसर के लिए किया गया वादा आज तक पूरा नहीं किया गया। हरियाणा ने तो बहू का मान बढ़ाया, लेकिन राजस्थान बेटी की शहादत को भूल गया। हम बात कर हैं लेफ्टिनेंट किरण शेखावत की। देश की इस बहादुर बेटी का विमान 24 मार्च 2015 की रात गोवा में डोर्नियर निगरानी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

किरण का जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले के गांव सेफरागुंवार में 1 मई 1988 को हुआ था और शादी हरियाणा के मेवात के कुर्थला गांव निवासी लेफ्टिनेंट विवेक सिंह छोंकर से हुई थी। किरण के पिता विजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि उसकी शहादत के बाद दो साल पूर्व तत्कालीन झुंझुनूं जिला कलक्टर गांव सेफरागुंवार में किरण की तृतीय पुण्यतिथि कार्यक्रम में आए थे।

उस वक्त उन्होंने गांव में किरण के नाम से एक खेल स्टेडियम की घोषणा की थी। पंचायत ने मैदान के लिए भूमि दे दी, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। इसके बाद पता चला खेतड़ी में शिक्षा बोर्ड कार्यालय में फाइल अटकी है। वहां गए तो अधिकारियों ने खेल मैदान के नामकरण से मना कर दिया। वहीं ससुराल कुर्थला में शहीद स्मारक, पार्क, मार्ग का नामकरण कर दिया गया।

पांच साल बाद शहादत

सेना से पारिवारिक जुड़ाव होने से किरण में बचपन से सेना में भर्ती होने का जज्बा था। वर्ष २०१० में उसने आखिरकार इस जज्बे को हासिल कर लिया था। शादी के दो साल बाद ही शहीद हो गईं।

2015 में किया टुकड़ी का नेतृत्व
वर्ष 2015 में किरण ने गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ पर नौसेना की महिला टुकड़ी का नेतृत्व किया था। समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा उपस्थित थे। इसके पिता विजेंद्र सिंह शेखावत और ससुर श्रीचंद भी नौसेना से रिटायर्ड है।