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Loan Recovery: एकमुश्त समझौता योजना की अवधि बढ़ी, ऋणी सदस्यों को मिला अंतिम मौका

Interest Subsidy: कम वसूली पर गिरेगी गाज, उत्कृष्ट बैंकों को मिलेगा इनाम। 30 सितम्बर है आखिरी मौका, वर्ना होगी सख्त कार्रवाई। बकाया नहीं चुकाया तो नाम होंगे प्रका​शित।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Jul 23, 2025

Interest Subsidy: जयपुर। राज्य सरकार द्वारा सहकारिता क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने की दिशा में लाए गए एकमुश्त समझौता योजना (OTS) की समीक्षा बैठक में प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल ने स्पष्ट संदेश दिया कि अब इस योजना के तहत अधिकतम पात्र ऋणी सदस्यों को लाभान्वित करना आवश्यक है। योजना की अवधि 30 सितम्बर तक बढ़ा दी गई है, जिससे यह आखिरी मौका बन गया है बकाया ऋण चुकता करने का।

राजपाल ने नेहरू सहकार भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सहकारी भूमि विकास बैंकों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि वसूली में पिछड़ने वाले प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों (PLDBs) पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, उत्कृष्ट कार्य करने वाले बैंकों को पुरस्कृत किया जाएगा।

उन्होंने निर्देश दिए कि जिन बैंकों को अतिरिक्त स्टाफ की आवश्यकता है, वहां मुख्यालय या खण्ड स्तर से तत्काल संसाधन उपलब्ध करवाए जाएं। साथ ही, अधिक राशि वाले बकायेदारों पर व्यक्तिगत ध्यान देते हुए अतिरिक्त रजिस्ट्रार स्वयं प्रयास करें और पाक्षिक समीक्षा करें।

OTS योजना की बेहतर क्रियान्विति के लिए अधिकारियों की परफॉर्मेंस को वसूली प्रतिशत से जोड़े जाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कार्य में तेजी आए। उन्होंने कहा कि जो किसान ऋण नहीं चुका रहे, उनके नाम समाचार पत्रों में प्रकाशित किए जाएं और नियमानुसार नीलामी प्रक्रिया शुरू की जाए।

मध्यम वर्गीय किसानों को पुनः मुख्यधारा में लाने के लिए 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत नए दीर्घकालीन ऋण दिए जाएंगे। बैठक में राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 103, नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 और रहन दर्ज से वंचित प्रकरणों के शत-प्रतिशत निस्तारण के निर्देश भी दिए गए।

राजपाल ने कहा कि अब तक पात्र ऋणी सदस्यों में से 25 प्रतिशत से अधिक को योजना में कवर किया जा चुका है, परंतु आगामी समय में इसे 100 प्रतिशत लक्ष्य तक पहुंचाना प्राथमिकता होनी चाहिए।

सरकार का यह रुख साफ संकेत देता है कि सहकारिता व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।


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