
Lokendra Singh Kalvi: राजपूत करणी सेना के संस्थापक लोकेन्द्र सिंह कालवी भले ही इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन लोग उन्हें कभी नहीं भूल पाएंगे। लोकेंद्र सिंह का जन्म नागौर जिले के कालवी गांव में हुआ था। उन्हें उनके सामाजिक कार्यों के लिए याद किया जाता रहेगा। विधायक और सांसद ना होने के बावजूद उनका अपना रुतबा था। कालवी सर्वसमाज के नेता थे। वे सामाजिक भेदभाव और छुआछूत के धुर विरोधी थे। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे कल्याण सिंह कालवी के बेटे थे। कालवी दो बार चुनाव लड़े, लेकिन समाज सेवा उनकी पहली प्राथमिकता रही। वे कई विवादों में भी रहे। आइए जानते हैं उनके बारे में 10 बड़ी बातें।
1 - राजपूत करणी सेना का गठन लोकेन्द्र सिंह कालवी ने किया था। करणी सेना के बैनर तले उन्होंने युवाओं को जोड़ा और समाज सेवा से जोड़ा। सामाजिक मुद्दों पर ये आवाज उठाते रहे। करणी सेना का मुख्य आधार जयपुर, नागौर, सीकर जिलों में है। हालांकि राजस्थान के सभी जिलों में कार्यकारिणी बना रखी है। करणी सेना की स्थापना 2006 में हुई। बीकानेर जिले में स्थित देशनोक कस्बे के करणी माता मंदिर के नाम पर इस संगठन का नाम रखा गया था।
2 - स्वर्ण समाज के लिए आरक्षण की मांग सबसे पहले उठाई। आर्थिक आधार पर आरक्षण का मुद्दा उठाया। आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की मांग उठाने वाले लोकेन्द्र सिंह कालवी का स्वर्ण समाज को योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
3- लोकेन्द्र सिंह कालवी पहली बार इतिहास से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ खड़े हुए। वे ही थे, जिनकी वजह से पद्मावत और जोधा अकबर जैसी कई फिल्मों और टीवी सीरियलों में निर्माता निर्देशकों को बदलाव करने पड़े।
4- कालवी राजनीति में असफल रहे। भले ही राजनीति विरासत में मिली थी। 1998 में बीजेपी के टिकट पर बाडमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे। इसके अलावा नागौर सीट से भी हाथ अजमाया, लेकिन इस सीट पर भी इन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
5- पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से कालवी का हमेशा से 36 का आंकड़ा रहा। कई बार कालवी ने करणी सेना की रैलियां की और आरक्षण की मांग राजे के कार्यकाल के दौरान की।
6- कालवी अच्छे निशानेबाज थे। वे रानी पद्मिनी की 37वीं पीढ़ी से होने का दावा करते थे। वे बॉस्केटबॉल के अच्छे खिलाड़ी रहे।
7- लोकेंद्र सिंह ने अजमेर के मेयो कॉलेज में अपनी पढ़ाई की। उनकी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अच्छी पकड़ थी।
8- फिल्म पद्मावत का विरोध कर करणी सेना काफी चर्चा में आई। कालवी ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को 'नालायक' तक कह दिया था। कालवी अक्सर कहते थे कि वो राजनेता बाद में हैं और राजपूत पहले।
9- पिछले करीब डेढ़ दशक से कालवी अपने समाज के मुद्दों के लेकर काफी मुखर थे। आए दिन उनके भड़काऊ भाषण सुर्खियों में रहते थे।
10- वे अपने नाम और जाति के बजाय गांव के नाम से ही जाने जाते थे। हिंसा के खिलाफ थे। उनका कहना था कि किसी भी आन्दोलन से आमजन को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
Updated on:
14 Mar 2023 11:49 am
Published on:
14 Mar 2023 11:32 am
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