केन्द्रीय नेत्तृव पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बारां-झालावाड़ सीट से चुनाव में उतारने का पक्षधर है। इसी सीट से उनके बेटे दुष्यंत सिंह लगातार तीन बार से सांसद हैं। ऐसी स्थिति में यदि वहां से वसुंधरा को उतारा जाता है तो दुष्यंत के टिकट पर गाज गिरेगी। ऐसी स्थिति से बचने के लिए वसुंधरा चुनाव में उतरने को तैयार नहीं हैं।
टिकट की आस में कुछ ऐसे कद्दावर नेता भी हैं, जो विधानसभा चुनाव में तो हार गए लेकिन लोकसभा का टिकट लेकर दिल्ली की सरकार में भागीदारी निभाने की उम्मीद रखते हैं। बारां से चुनाव हार चुके पूर्व केबिनेट मंत्री प्रभुलाल सैनी टोंक-सवाईमाधोपुर से जुगत में भिड़े हैं। सिविल लाइंस से सीट गंवा चुके अरुण चतुर्वेदी ने जयपुर शहर से दावेदारी कर रखी है। श्रीचंद कृपलानी अजमेर और चित्तौडगढ़ से टिकट मांग रहे हैं। इसी तरह मंत्री रहते पहले लोकसभा उप चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव में हार चुके जसवंत सिंह ने अलवर से टिकट पाने की खातिर दिन-रात एक कर रखी है।