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राजस्थान से गिरफ्तार मौलवी के फोन से हुआ बड़ा खुलासा, ATS ने खोज निकाली 3 लाख हिडन फोटो, रच रहा था बड़ी साजिश

आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से संपर्क व विदेशी फंडिंग के मामले में राजस्थान के बाड़मेर जिले से गिरफ्तार मौलवी को लेकर एटीएस ने बड़ा खुलासा किया है। मौलवी ओसामा उमर के फोन से 3 लाख फोटो रिकवर हुए हैं।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Nov 17, 2025

Barmer Maulana

गिरफ्तार मौलवी ओसामा उमर (फोटो-पत्रिका)

जयपुर। बाड़मेर से पकड़े गए मौलवी ओसामा उमर के डिलीट किए गए मोबाइल व सोशल मीडिया अकाउंट से 3 लाख फोटो रिकवर हुए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में संदिग्ध सामग्री भी बरामद की गई है।

आईजी विकास कुमार ने बताया कि आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की कई टीम ओसामा उमर के मोबाइल व सोशल मीडिया अकाउंट से बरामद फोटो व संदिग्ध सामग्री की तस्दीक कर रही हैं। आरोपी ओसामा को दो दिन पूछताछ के बाद 6 नवम्बर को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी तब से एटीएस की रिमांड पर था। आरोपी को विदेशी फंडिंग के संबंध में भी जांच की जा रही है। आरोपी को रिमांड अवधि पूरी होने पर शनिवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

आतंकी संगठन से प्रभावित था आरोपी

एटीएस के अनुसार आरोपी ओसामा सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथी संगठनों के संपर्क में आया। पिछले चार साल से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से प्रभावित हो गया था। टीटीपी संगठन के वीडियो देखता था। आरोपी 8 नवम्बर को दुबई के जरिए अफगानिस्तान जाने की फिराक में था, जहां उसे ट्रेनिंग भी लेनी थी। इसके पहले ही एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के मोबाइल में उर्दू व फारसी में कई संदेश मिले हैं, जिनकी जांच कराई जा रही है। वहीं ओसामा के साथ पकड़े गए चार अन्य लोगों को कट्टरवाद से बाहर निकालने की प्रक्रिया की जा रही है।

राजस्थान में एजेंसियां अलर्ट

जयपुर में मई, 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट के बाद कई बार आतंकी संगठनों ने प्रदेश में पैर पसारने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के अलर्ट होने पर नाकाम रहे। एटीएस की पकड़ में आए ओसामा और टोंक के मालपुरा में एक डॉक्टर के पकड़े जाने के बाद राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियां और एटीएस व इंटेलिजेंस अलर्ट हैं। सोशल मीडिया पर नजर रखने के साथ संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है।

हिडन स्पेस से रिकवर हुए फोटो

'आरोपी ओसामा ने अपने मोबाइल में 'हिडन स्पेस' बना रखा था। यानी मोबाइल में छुपे हुए ऐप्स या निजी जगह थी, जिसके अंदर संदिग्ध सामग्री थी। मोबाइल को देखने में उसका सारा डेटा डिलीट किया नजर आता है। एटीएस ने आरोपी ओसामा के मोबाइल को एफएसएल के पास भेजा। आरोपी के मोबाइल में हिडन स्पेस मिला, जिससे बरामद डेटा की रिपोर्ट एटीएस को सौंप दी है।' -डॉ. अजय शर्मा, निदेशक एफएसएल, राजस्थान